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IPC Section 112 क्यों है सभी धाराओं से अलग, जानिए इसके अंतर्गत सजा के प्रावधान  

भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) की धारा (Section) 112 में एक साथ मिलने वाली कई सजा के बारे में बताता है. इस धारा के अंतर्गत बताया गया है कि आखिर कब एक अपराध के लिए उकसाने वाले व्यक्ति को कई अपराध के लिए सजा मिलती है. कैसे दुष्प्रेरक का एक आपराधिक उद्देश्य कई अपराधों में बदल जाता है, जिसके कारण दुष्प्रेरक इस धारा के तहत एक से ज्यादा अपराधों के लिए सजा का पात्र हो जाता है.

Written By My Lord Team | Published : January 6, 2023 4:10 AM IST

नई दिल्ली: कानून कहता है कि अधिकतर अपराध बहकावे में ही आकर होते हैं. यानि जब भी कोई अपराध होता है तो कई बार अपराध को अंजाम देने वाला हमेशा से अपराधी नहीं होता, उसने बहकावे में आकर किसी अपराध को अंजाम दिया होता है. इसलिए भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) 1860  में अपराध और उससे जुड़ी हर छोटी सी बड़ी सजा का जिक्र है. My-Lord भी कानून से जूड़ी हर छोटी सी बड़ी जानकारी को आप तक पहुंचाने की कोशिश में है. आईपीसी( IPC) के चैप्टर पांच जो दुष्प्रेरण (of Abetment) के विषय में है उसके अंतर्गत आने वाली धारा 112 के बारे में क्या आप जानते हैं कि ये सभी धाराओं से अलग क्यों है, आइए जानते हैं.

Indian Penal Code की धारा 112

भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) की धारा (Section) 112 में एक साथ मिलने वाली कई सजा के बारे में बताता है. इस धारा के अंतर्गत बताया गया है कि आखिर कब एक अपराध के लिए उकसाने वाले व्यक्ति को कई अपराध के लिए सजा मिलती है. कैसे दुष्प्रेरक का एक आपराधिक उद्देश्य कई अपराधों में बदल जाता है, जिसके कारण दुष्प्रेरक इस धारा के तहत एक से ज्यादा अपराधों के लिए सजा का पात्र हो जाता है.

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 IPC की धारा 112 की परिभाषा

Section 112 के मुताबिक "दुष्प्रेरक कब दुष्प्रेरित कार्य के लिए और किए गए कार्य के लिए आकलित दंड से दंडनीय है- यदि वह कार्य, जिसके लिए दुष्प्रेरक अंतिम पूर्वगामी धारा के अनुसार दायित्व के अधीन है, दुष्प्रेरित कार्य के अतिरिक्त किया जाता है और वह कोई सुभिन्न अपराध गठित करता है, तो दुष्प्रेरक उन अपराधों में से हर एक के लिए दंडनीय नहीं है."

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आसान शब्दों में "दुष्प्रेरक( उकसाने वाले) अगर किसी को किसी अपराध के लिए उकसाने से पहले जानता है कि इस अपराध को अंजाम देने के साथ कई और अपराध हो सकता है. बहकावे आए व्यक्ति जब एक अपराध को अंजाम देने जाता है तो कई और अपराध भी हो जाते हैं, तो दुष्प्रेरक को ऐसी स्थिति में उन सभी अपराधों के लिए सजा मिलेगी. यानि एक वो अपराध जिसके लिए उसने किसी को बहकाया था दूसरा वो जो अपराध को अंजाम देते वक्त और अपराध हुए. यहां बहकाने में आए और बहकाने वाले दोनो को ही सभी अपराधों के लिए सजा मिलेगी.

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जैसे- A ने B को किसी पुलिस वाले को उसके काम रोकने के लिए उकसाया. B बहकावे में आकर पुलिस वाले को उसका काम करने से रोकता है.  B पुलिस वाले को रोकने के दौरान उन पर हमला भी कर देता है, जिससे पुलिस वाला घायल हो जाता है. यहां B ने दो अपराध को अंजाम दिया पहला कि उसने पुलिस वाले को रोकर कानूनी काम में बाधा डाला जो एक अपराध है और दूसरा कि जब वो पुलिस वाले को रोकने गया तो उसने पुलिस वाले के साथ हाथापाई की जिसमें पुलिस वाला घायल हो गया, तो पुलिस पर हमला करने का अपराध.ऐसी स्थिति में B दोनो ही अपराध के लिए दोषी होगा. वहीं A को पहले से ही पता था कि B अगर पुलिस वाले को रोकने जाएगा तो हाथापाई भी होगी, इलिए A भी उस दौरान हुए सभी अपराधों के लिए दोषी होगा.