स्कूल भर्ती घोटाला: CBI के खिलाफ अभिषेक बनर्जी की याचिका पर SC 26 मई को करेगा सुनवाई
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के स्कूल भर्ती घोटाला मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की पूछताछ के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक बनर्जी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 26 मई को सुनवाई करने पर सोमवार को अपनी सहमति दे दी.
न्यूज़ एजेंसी भाषा के अनुसार, अभिषेक बनर्जी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति संजय करोल की अवकाश पीठ के समक्ष मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया. पीठ ने कहा कि याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई की जाएगी.
सिंघवी ने न्यायालय के समक्ष मामले का उल्लेख करते हुए कहा कि बनर्जी से पहले ही सीबीआई नौ घंटे से अधिक समय तक पूछताछ कर चुकी है और तृणमूल कांग्रेस के नेता को आशंका है कि अगर एजेंसी द्वारा पूछताछ के लिए उन्हें फिर बुलाया गया तो उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है.
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मामले को इस सप्ताह ही सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का आग्रह करते हुए सिंघवी ने कहा, मैं (अभिषेक बनर्जी) कोई कठोर कार्रवाई न करने को कह रहा हूं.’’
इसके बाद पीठ शुक्रवार को मामले पर सुनवाई को तैयार हो गई और सिंघवी से कहा कि वह अपने कनिष्ठ वकील को (मामले का) उल्लेख करने वाले अधिकारी के पास भेजें.
गौरतलब है 20 मई को सीबीआई ने इस मामले की जांच के सिलसिले में बनर्जी से नौ घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी. बनर्जी ने अपनी याचिका में शीर्ष अदालत से यह निर्देश देने का अनुरोध किया है कि एजेंसी उनके खिलाफ कोई कठोर कदम न उठाए.
कुंतल घोष ने दर्ज कराई शिकायत
तृणमूल कांग्रेस नेता अभिषेक बनर्जी का नाम घोटाले में एक आरोपी कुंतल घोष द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत में सामने आया था. बनर्जी पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के महासचिव हैं.
घोष ने कथित आरोप लगाया है कि केंद्रीय एजेंसियां उस पर भर्ती घोटाले में अभिषेक का नाम लेने का दबाव बना रही हैं.
सीबीआई ने अभिषेक को समन कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा गत बृहस्पतिवार को उनकी एक याचिका को खारिज करने के 24 घंटे के भीतर भेजा था. याचिका में उन्होंने अदालत के पिछले आदेश को वापस लेने का अनुरोध किया था जिसमें कहा गया था कि सीबीआई तथा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी जांच एजेंसियां शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में उनसे पूछताछ कर सकती हैं .
शुक्रवार को खंडपीठ और उसके बाद कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश द्वारा बनर्जी की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई के सभी प्रयास विफल रहे थे.
20 मई को सीबीआई की पूछताछ पूरी होने के बाद बनर्जी ने पत्रकारों से कोलकाता में कहा था कि पूछताछ उनके और जांच एजेंसी के अधिकारियों दोनों के लिए समय की बर्बादी थी, लेकिन उन्होंने जो कुछ भी पूछा गया उसमें सहयोग किया.
बनर्जी ने कथित तौर पर आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस के नेता जो झुकने को तैयार नहीं थे उन्हें परेशान किया जा रहा है, जबकि विभिन्न मामलों में शामिल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही.