बंगाल में पंचायत चुनावों के लिए नामांकन की तारीख बढ़ाने का अनुरोध, कोर्ट ने SEC को किया जवाब तलब
कोलकाता: पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनावों के लिए नामांकन की तारीखों का ऐलान होने के बाद मामला अब कलकत्ता उच्च न्यायालय पहुंच गया है. मुख्य न्यायाधीश टी एस शिवज्ञानम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने ने नामांकन दाखिल करने की समय सीमा को प्रथमदृष्टया अपर्याप्त माना है और राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) को इस संबंध में विपक्षी नेताओं द्वारा दायर याचिका और 12 जून को चुनावी प्रक्रिया शुरू होने के दौरान केंद्रीय बलों की तैनाती को लेकर दायर याचिका पर उसका जवाब तलब किया है.
आपको बतादें की बृहस्पतिवार को पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनावों के लिए नामांकन और चुनाव की तारीखों का एलान हुआ था. SEC ने नामांकन तारिख 15 जून और चुनाव 8 जुलाई तय की है.राज्य चुनाव आयोग के इस आदेश पर कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने ही ऐतराज जताया.
याचिकाकर्ताओं कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शुभेंदु अधिकारी की ओर से पेश हुए वकीलों ने कहा कि इस दौरान दो दिन छुट्टियां भी हैं जिससे नामांकन दाखिल करने के लिए प्रभावी रूप से केवल पांच दिन मिलेंगे।
Also Read
- ममता सरकार को बड़ा झटका, नियुक्त रद्द होने के बाद भी नॉन-टीचिंग स्टॉफ को स्टाइपेंड देने के फैसले पर कलकत्ता हाई कोर्ट ने लगाई रोक
- Murshidabad Violence की घटना 'भयावह', Calcutta HC ने बंगाल सरकार से कहा, प्रभावितों को बसाने और सहायता देने के निर्देश
- आने वाले पश्चिम बंगाल चुनाव में बंग्लादेशी नागरिक के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने का मामला, कलकत्ता हाई कोर्ट करेगी सुनवाई
मामले की सुनवाई करते हुए पीठ ने कहा कि, ऐसा प्रतीत होता है कि प्रक्रिया में जल्दबाजी की जा रही है, जिस पर एसईसी को पुनर्विचार करने की आवश्यकता है। अदालत ने कहा कि वर्तमान पंचायत का कार्यकाल अगस्त में समाप्त हो रहा है।
अदालत ने एसईसी को 12 जून को मामले में अगली सुनवाई के दिन एक रिपोर्ट के रूप में याचिकाकर्ताओं द्वारा उठाए गए बिंदुओं पर अपने विचार देने का निर्देश दिया।
चुनाव प्रक्रियाओं के दौरान केंद्रीय बलों की तैनाती से संबंधित याचिका पर अदालत ने कहा कि एसईसी विचार कर सकता है कि क्या केंद्रीय बलों की तैनाती का अनुरोध उचित होगा, जो राज्य पुलिस बल के साथ मिलकर काम करेंगे ताकि कानून व्यवस्था की अप्रिय स्थिति से बचा जा सके।
पीठ में न्यायमूर्ति हिरणमय भट्टाचार्य भी शामिल हैं। पीठ ने कहा, इस संबंध में हम एसईसी से जवाब चाहते हैं।’’