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वोटर टर्न आउट डेटा जारी करने से चुनाव आयोग को फिलहाल मिली राहत, सुप्रीम कोर्ट ने ये कहकर सुनवाई को चुनाव के बाद टाल दिया

जारी चुनाव के बीच सुप्रीम कोर्ट ने वोटर टर्नआउट डेटा जारी करने को लेकर चुनाव आयोग को किसी तरह का निर्देश देने से इंकार किया है.

जारी चुनाव के बीच सुप्रीम कोर्ट ने वोटर टर्नआउट डेटा जारी करने को लेकर चुनाव आयोग को किसी तरह का निर्देश देने से इंकार किया है

Written By Satyam Kumar | Updated : May 24, 2024 1:32 PM IST

Voter Turnout Data: सुप्रीम कोर्ट ने वोटर टर्नआउट डेटा जारी करने को लेकर चुनाव आयोग को किसी तरह का निर्देश देने से इंकार किया है. सुप्रीम कोर्ट ने पाया छठे चरण का मतदान होने को है ऐसे में प्रक्रियाधीन मामले में किसी तरह का निर्देश देना चुनावी प्रक्रिया में बाधा परेशानी खड़ी कर सकती है. इन बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मामले को चुनाव के बाद टाल दिया है. बता दें कि एक गैर-सरकारी संस्था (NGO) एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफार्म्स ( ADR) ने याचिका के माध्यम से हर बूथ पर पड़े वोटों की संख्या जारी करने की मांग की थी. याचिकाकर्ता ने इसी विषय पर सुप्रीम कोर्ट से चुनाव आयोग को निर्देश देने की गुहार लगाई थी. अब, सप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि इस मामले की सुनवाई चुनाव के बाद होगी.

याचिकाकर्ता की मांग क्या थी?

एनजीओ ADR ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग की. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग हर बूथ पर पड़े मतदान की जानकारी देने में देरी कर रही है. सुप्रीम कोर्ट दे कि चुनाव आयोग जल्द से जल्द वोटर टर्नआउट डेटा जारी करें. चुनाव आयोग फॉर्म 17 को अपने वेबसाइट पर जारी करें. फॉर्म 17 में बूथ पर कितने वोट पड़े यानि वोटर टर्नआउट डेटा की जानकारी होती है.

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सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश देने से किया इंकार

सुप्रीम कोर्ट में, दीपंकर दत्ता एवं जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की वेकेशन बेंच इस मामले को सुना. उन्होंने चुनाव के बीच में आयोग को किसी प्रकार का निर्देश देने से इंकार किया. साथ ही इस मामले की सुनवाई को चुनाव के बाद रखने के निर्देश दिए.

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बेंच ने कहा,

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"प्रथम दृष्टया हम कोई अंतरिम राहत देने के इच्छुक नहीं हैं क्योंकि 2019 की याचिका भी 2024 की याचिका के समान है. इस याचिका को छुट्टियों के बाद के लिए सूचीबद्ध करें."

2019 में भी ऐसी मांग वाली एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें चुनाव आयोग से वोटर टर्नआउट डेटा जारी करने के निर्देश देने की मांग की गई थी.