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विवेकानंद रेड्डी हत्याकांड में वाई एस अविनाश रेड्डी को अंतरिम जमानत देने वाले न्यायधीश ने मीडिया पर लगाया उनकी छवि खराब करने का इल्जाम

Telangana HC Justice M Laxman feels threatened by media after granting bail to YS Avinash Reddy

तेलंगाना हाईकोर्ट के जस्टिस एम लक्ष्मण ने बुधवार को विवेकानंद रेड्डी हत्याकांड में आरोपी आई एस अविनाश रेड्डी को अंतरिम जमानत दी है। अब जस्टिस लक्ष्मण का यह कहना है कि इस फैसले के चलते मीडिया उनकी छवि खराब कर रही है

Written By My Lord Team | Published : June 1, 2023 4:22 PM IST

नई दिल्ली: कडप्पा से वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (YSR Congress Party) के लोकसभा सदस्य वाई एस अविनाश रेड्डी (YS Avinash Reddy) को 31 मई को अग्रिम जमानत देने वाले तेलंगाना उच्च न्यायालय (Telangana High Court) के न्यायमूर्ति एम लक्ष्मण (Justice M Laxman) का यह दावा है कि उनके इस फैसले की वजह से मीडिया का एक वर्ग उनकी छवि खराब करने की कोशिश कर रहा है।

समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार, तेलंगाना हाईकोर्ट के जस्टिस एम लक्ष्मण, जिन्होंने वाई एस अविनाश रेड्डी को अंतरिम जमानत दी है, का कहना है कि तेलुगु टीवी समाचार चैनलों के एक वर्ग द्वारा उनकी छवि को “खराब” करने के प्रयास किये गए हैं. इस पर जस्टिस लक्ष्मण ने नाराजगी जताई है।

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तेलंगाना हाईकोर्ट के न्यायधीश ने कही ये बात

कडप्पा के सांसद द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका पर अपना फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति लक्ष्मण ने कहा कि उन्होंने महसूस किया कि उन्हें “मीडिया के एक वर्ग द्वारा उनकी छवि को धूमिल करने के प्रयासों और इस मामले में न्यायपूर्ण निर्णय पर पहुंचने में स्वतंत्र विचार प्रक्रिया को डराने और धमकाने के प्रयासों से न्यायिक प्रक्रिया को विफल करने और पटरी से उतारने के कुछ प्रयासों को दर्ज कराना चाहिए।’’

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दो तेलुगू टीवी समाचार चैनलों में 26 मई को बहस के प्रतिभागियों द्वारा उनके खिलाफ की गई टिप्पणी का उल्लेख करते हुए न्यायमूर्ति लक्ष्मण ने कहा कि चुनिंदा मीडिया घरानों के व्यक्तियों ने “अपनी पसंद के चुनिंदा कर्मियों” के विचारों को प्रसारित करने के लिए उनके डराने, धमकाने और “व्यक्तिगत हमले से मेरी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने” के पूर्व के रुख को जानने के बावजूद “उन्हें सुविधा और बढ़ावा” दिया।

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न्यायमूर्ति लक्ष्मण ने अपने आदेश में कहा कि प्रतिभागियों में से एक ने, जो एक निलंबित और हिरासत में लिए गए न्यायाधीश हैं, यह कहकर सीधा हमला किया कि "रुपयों के थैले न्यायाधीश के पास गए"।

उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ने कहा कि एक अन्य प्रतिभागी ने, जो सम्मानजनक पद पर आसीन प्रतीत होता है, "अपमानजनक भाषा और इशारों का इस्तेमाल किया जिसका उद्देश्य, उसकी गलत व्याख्या और कोर्ट की कार्रवाई के विचार-विमर्श की गलतफहमी से मेरी समझ और योग्यता क्षमताओं को धूमिल करना है।"