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विवेक अग्निहोत्री ने दिल्ली हाई कोर्ट में पेश होकर बिना शर्त मांगी माफी, Contempt of Court मामले में बरी

16 मार्च को जस्टिस जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस तलवंत सिंह की पीठ ने अग्रिहोत्री के वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पेश होने के अनुरोध को अस्वीकार करते हुए उन्हे 10 व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होने के आदेश दिए थे.

Written By Nizam Kantaliya | Published : April 10, 2023 12:24 PM IST

नई दिल्ली:अदालत की अवमानना के मामले में फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री दिल्ली हाईकोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश हुए. फिल्म निर्माता ने दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जज और वर्तमाना में उड़ीसा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीस जस्टिस एस मुरलीधर के खिलाफ किए गए ट्वीट के लिए बिना शर्त माफी मांगी है.

16 मार्च को जस्टिस जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस तलवंत सिंह की पीठ ने अग्रिहोत्री के वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पेश होने के अनुरोध को अस्वीकार करते हुए उन्हे 10 व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होने के आदेश दिए थे.

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High Court के आदेश की पालना में सोमवार को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होकर विवेक अग्निहोत्री द्वारा अपने ट्वीट के लिए बिना शर्त माफी मांगे जाने पर अदालत ने उन्हे अवमानना के मामले से बरी कर ​दिया.

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ट्विटर कई सारे दुखों का स्रोत

पीठ ने विवेक अग्निहोत्री को अवमानना के मामले से बरी करते हुए उन्हे भविष्य में सतर्क रहने का निर्देश दिया.

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पीठ ने सुनवई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा कि ट्विटर कई सारे दुखों का स्रोत है

ये हैं मामला

वर्ष 2018 में दिल्ली हाईकोर्ट के जज रहते जस्टिस एस मुरलीधर ने बहुचर्चित भीमा कोरेगांव हिंसा मामले के आरोपी और एक्टिविस्ट गौतम नवलखा को राहत देते हुए जमानत दी थी. जस्टिस मुरलीधर ने गौतम नवलखा की हाउस अरेस्ट और ट्रांजिट रिमांड को कैंसिल कर दिया था.

नवलखा को राहत दक्षिणपंथी वर्ग ने Justice S Murlidhar की जमकर आलोचना की थी. इसी को विवेक अग्निहोत्री ने भी सोशलमीडिया पर जस्टिस एस मुरलीधर के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी की थी.

दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में विवेक अग्निहोत्री सहित राइटर आनंद रंगनाथन और न्यूज पोर्टल स्वराज्य के खिलाफ स्वप्रेणा प्रंसज्ञान लेते हुए अवमानना ​​​की ​कार्यवाही शुरू की थी.

6 दिसंबर 2022 को इस मामले में विवेक ​अग्निहोत्री ने हलफनामा दायर करते हुए बिना शर्त माफी मांगी थी, अदालत ने इस पर उन्हे व्यक्तिगत रूप से पेश होकर माफी मांगने के लिए कहा था.

16 मार्च को सुनवाई के दौरान विवेक अग्निहोत्री ने बिमारी का कारण बताते हुए वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए पेश होने की अनुमति मांगी थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया.

अदालत ने 16 मार्च को अपने आदेश में अग्निहोत्री को 10 अप्रैल को व्यक्तिगत रूप से पेश होकर माफी मांगने के आदेश दिए थे.