अरविंद केजरीवाल के PA को विजिलेंस विभाग ने किया बर्खास्त, ED भी कर चुकी है पूछताछ
Arvind Kejriwal's Personal Secretary: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. वे शराब नीति घोटाले में पैसों की हेराफेरी के आरोप में तिहाड़ जेल में बंद हैं. वहीं, बाहर सतर्कता विभाग (विजिलेंस डिपार्टमेंट) ने अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव बिभव कुमार को उनके पद से हटा दिया है. शराब नीति घोटाले में बिभव कुमार से ईडी लगातार पूछताछ कर रही है. बिभव कुमार से हो रही पूछताछ को देखते हुए विजिलेंस डिपार्टमेंट ने अरविंद केजरीवाल के PA बिभव कुमार को उनके पद से हटा दिया है.
किन कारणों से हटाए गए अरविंद केजरीवाल के पीए?
विजिलेंस विभाग ने PA बिभव कुमार को उनके पद से हटा दिया है. हटाए जाने के कारणों को लेकर विजिलेंस विभाग ने बताया कि उनकी नियुक्ति के समय उचित प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया था. साथ ही उनके खिलाफ दर्ज हुए FIR को मुख्य कारण बताया है. साल 20027 में एक सरकारी कर्मचारी महेश पाल ने बिभव कुमार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराया था. FIR में बिभव कुमार पर सरकारी काम में रूकावट डालने और शिकायतकर्ता के साथ गाली-गलौज करने का आरोप लगा है. इन्हीं आरोपों के चलते विजिलेंस विभाग ने अरविंद केजरीवाल के PA को उनके पद से हटाया है.
2 दिन पहले ED ने किया पूछताछ
अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव बिभव कुमार से ED ने दो दिन पहले भी पूछताछ किया था. ED ने शराब नीति घोटाले मामले में यह पूछताछ किया है. ED ने बिभव कुमार से फरवरी, 2024 में भी पूछताछ किया था.
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सुप्रीम कोर्ट गए अरविंद केजरीवाल?
वहीं, शराब नीति घोटाले में जेल में बंद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी और रिमांड याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है. दिल्ली हाईकोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की याचिका को खारिज किया था. बता दें कि अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने स्पष्ट किया कि ईडी के पास अरविंद केजरीवाल की संलिप्तता के पुख्ते सबूत हैं. जस्टिस ने अदालत की कारवाई को राजनीतिक रंग देने से बचने को कहा. आदेश के अनुसार, अदालत न्याय सिद्धांतों के अनुरूप काम करती है, ना कि देश की रपाजनीतिक गतिविधियों को देखकर.
वहीं, अरविंद केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका पर त्वरित सुनवाई करने की मांग की, जिसे लेकर सीजेआई ने उन्हें ई-मेल करने को कहा है.