बहुचर्चित तबरेज अंसारी मॉब लिंचिंग केस में चार साल बाद आया फैसला, 10 आरोपी दोषी करार
रांची: बहुचर्चित तबरेज अंसारी मॉब लिंचिंग केस (Tabrez Ansari Lynching Case) में चार साल बाद झारखंड के सरायकेला की जिला अदालत ने फैसला सुना दिया है।
इस केस से जुड़े सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने तबरेज अंसारी की हत्या में संलिप्त पाते हुए 10 आरोपियों को दोषी करार दिया है; दो आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया है।
इस तारीख पर सुनाई जाएगी दोषियों को सजा
समाचार एजेंसी आईएएनएस (IANS) के अनुसार, दोषी करार दिए अभियुक्तों की सजा के बिंदु पर 5 जुलाई को सुनवाई होगी। सरायकेला के एडीजे-वन अमित शेखर की कोर्ट ने इस केस में जिन्हें दोषी पाया है, उनमें मुख्य आरोपी पप्पू मंडल के अलावा भीम सिंह मंडल, कमल महतो, मदन नायक, अतुल महाली, सुमंत महतो, विक्रम मंडल, चामू नायक, प्रेमचंद महाली और प्रकाश मंडल शामिल हैं। बरी किए गए आरोपियों में सत्यनारायण नायक और सुमंत प्रधान हैं।
Also Read
- बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन करने का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट; RJD, TMC सहित इन लोगों ने दायर की याचिका, अगली सुनवाई 10 जुलाई को
- BCCI को नहीं, ललित मोदी को ही भरना पड़ेगा 10.65 करोड़ का जुर्माना, सुप्रीम कोर्ट ने HC के फैसले में दखल देने से किया इंकार
- अरूणाचल प्रदेश की ओर से भारत-चीन सीमा पर भूमि अधिग्रहण का मामला, सुप्रीम कोर्ट ने मुआवजा बढ़ाकर देने के फैसले पर लगाई रोक, केन्द्र की याचिका पर जारी किया नोटिस
क्या था तबरेज अंसारी मॉब लिंचिंग केस?
बता दें कि 18 जून 2019 को जमशेदपुर के पास धातकीडीह में तबरेज अंसारी को चोर बताकर भीड़ ने बुरी तरह पीटा था जिसके बाद में पुलिस हिरासत में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। इस मॉब लिंचिंग केस की पूरे देश में चर्चा हुई थी और इसे लेकर सियासी बहस का सिलसिला छिड़ गया था।
विपक्षी दलों ने राज्य के साथ-साथ केंद्र सरकार पर भी सवाल उठाए थे; बताया गया था कि चोरी के आरोप में तबरेज अंसारी को लोगों ने पकड़ लिया था और खंभे से बांधकर उसकी पिटाई की थी। पिटाई के दौरान लोगों ने तबरेज अंसारी से 'जय श्री राम' के नारे भी लगवाए थे।
पिटाई के दौरान कुछ लोगों ने घटना का वीडियो भी बनाया था। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। तबरेज की पिटाई के बाद अगले दिन पुलिस मौके पर पहुंची और घायल तबरेज को गिरफ्तार कर लिया। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे चिकित्सकीय रूप से फिट घोषित कर दिया।
एक मजिस्ट्रेट ने उसे जेल भेजने के आदेश दे दिए। इस दौरान तबरेज की हालत बिगड़ती गई और उसकी 22 जून को मौत हो गई थी। मामले के तूल पकड़ने पर पुलिस ने 13 लोगों को गिरफ्तार किया था। बाद में इनमें से मुख्य आरोपी पप्पू मंडल को छोड़ बाकी आरोपियों को कोर्ट से जमानत मिली थी।
इस बीच एक आरोपी की मौत हो गई। गवाहों और सबूतों के आधार पर लंबी सुनवाई के बाद मंगलवार को अदालत द्वारा 10 आरोपियों को दोषी करार दिए जाने के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया है। अब इस मामले में सजा के बिंदु पर आगामी पांच जुलाई को सुनवाई होगी।