नैनीताल में लगातार बढ़ रही है भीड़ को कम करने के लिए U'khand HC ने प्रशासन को दिए निर्देश
देहरादून: हाल ही में हम सभी ने खिसकते जोशीमठ की तस्वीरें देखी थी और अब उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने नैनीताल में भी जोशीमठ जैसी स्थिति उत्पन्न होने की आशंकाके विरुद्ध चेतावनी है और पर्यटकों के काफी आवागमन वाले सीजन के दौरान शहर में यातायात भीड़ कम करने के लिए प्रशासन को तत्काल उपाय करने करने को कहा है.
मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की पीठ ने नैनीताल के यातायात के मामले का स्वत: ही जनहित याचिका के रूप में संज्ञान में लेते हुए कहा की इस मुद्दे का त्वरित समाधान होना चाहिए. कोर्ट ने कहा की अगर इस समस्या का त्वरित समाधान नहीं किया गया तो नैनीताल के सामने जोशीमठ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है.
इसके साथ ही न्यायालय ने साइकिल रिक्शा के स्थान पर तत्काल ई -रिक्शा को चलाने का आदेश भी दिया. कोर्ट ने कहा की पैडल वाले रिक्शे को हटाने के लिए सरकार को दो सप्ताह के भीतर 50 ई -रिक्शा का प्रबंध करना चाहिए साथ ही ई -रिक्शा के आवंटन में पैडल रिक्शा चालकों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
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सुनवाई के दौरान मौजूद नैनीताल की सर्किल अधिकारी विभा दीक्षित ने अदालत को आश्वासन दिया कि शहर में यातायात का उपयुक्त प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास किये जाएंगे।
आध्यात्मिक टूरिज़म का नया केंद्र बन चुके कैंची धाम में 14 जून से मेला शुरू हो रहा है. मेले से भी यहां की यातायात परेशानियां और बढ़ेंगी। देशभर से श्रद्धालु कैंची धाम में बाबा नीम करोली के आश्रम में पहुंचेंगे।
अदालत ने निर्देश दिया कि भोवाली के सर्किल अधिकारी कैंची धाम में सुचारू यातायात संचालन के लिए जिम्मेदार होंगे। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि काठगोदाम और कलाडुंगी में पर्यटकों की खातिर पार्किंग व्यवस्था एवं शटल सेवाओं का इंतजाम किया जाए।