Advertisement

किस कानून के अंतर्गत है तंबाकू और सिगेरट पर रोक, क्या है सजा का प्रावधान?

धारा 20 (2) में निर्दिष्ट कोई भी व्यक्ति जो बिना किसी चेतावनी के तंबाकू या सिगरेट बेचता या वितरित करता है, इस धारा के तहत उत्तरदायी होगा और 1 साल तक की कैद और 1 हजार तक का जुर्माना हो सकता है और अगर दूसरी बार दोषी पाया जाता है तो दो साल तक कैद के साथ तीन हजार रुपये के जुर्माने की सजा दी जा सकती है.

Written By My Lord Team | Updated : January 2, 2023 9:50 AM IST

नई दिल्ली: तंबाकू और सिगरेट को हमारे शरीर के लिए हानिकारक माना जाता है, इसलिए भारत सरकार ने इन उत्पादों के निर्माताओं पर सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम 2003 (THE CIGARETTES AND OTHER TOBACCO PRODUCTS Act) के माध्यम से कुछ प्रतिबंध लगाए हैं. आईये जानते है क्या है सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद से सम्बंधित कानून और सजा के प्रावधान.

विज्ञापन पर सख्त रोक है

सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम की धारा 5 उन लोगो पर प्रतिबंध लगाती है, जो लोग सिगरेट या तंबाकू का उत्पादन करते है या किसी भी तरह से तंबाकू या सिगरेट की आपूर्ति या वितरण के साथ ही, उनका विज्ञापन भी करते है या विज्ञापन का कारण बनते है, तो इस स्थिति में उन्हें इस धारा के तहत उत्तरदायी ठहराया जाएगा. इसके अलावा, यह उन लोगों को भी इस धारा के अंतर्गत शामिल करता है जो इन उत्पादों के विज्ञापन में भाग लेते हैं.

Advertisement

यह अधिनियम लोगों को तंबाकू या सिगरेट के विज्ञापनों वाले वीडियो या फिल्म टेप को बेचने या खरीदने पर भी प्रतिबंध लगाता है. इसके अलावा यह लोगों को किसी इमारत या खंभे या वाहनों पर होर्डिंग, फ्रेम के माध्यम से इन उत्पादों का विज्ञापन करने से भी रोकता है

Also Read

More News

सजा का प्रावधान

अधिनियम की धारा 22 के अनुसार तंबाकू और सिगरेट के विज्ञापन पर रोक लगाने वाले अधिनियम की धारा 5 का उल्लंघन करते पाए जाने पर दो साल तक की कैद या दस हजार का जुर्माना या जुर्माना देना पड़ सकता है.

Advertisement

हालांकि इसी धारा में यह भी कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति इसी अधिनियम के तहत दूसरी बार दोषी पाया जाता है तो उसे पांच साल तक की कैद हो सकती है और पांच हजार रुपये का जुर्माना भी देना होगा.

शैक्षणिक संस्थान के पास बेचना है मना

इस अधिनियम की धारा 6, किसी भी व्यक्ति को न केवल 18 वर्ष से कम आयु के लोगों को तंबाकू या सिगरेट बेचने से रोकती है, बल्कि यह लोगों को किसी भी शैक्षणिक संस्थान के 100 गज के दायरे में इन उत्पादों को बेचने से भी रोकती है. जो लोग इस धारा का उल्लंघन करते हैं, उन पर दो सौ रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है.

उत्पाद पर चेतावनी अनिवार्य

इस अधिनियम की धारा 7 के तहत तंबाकू या सिगरेट के उत्पादों की आपूर्ति, आयात या व्यापार लोगों को बिना उसके हानिकारक परिणामों की चेतावनी दिए बगैर नहीं कर सकते. इसके तहत आपको लोगों को ये बताना होगा कि इसके हानीकारक परिणाम क्या है, इसका सेवन करने से लोगों के शरिर पर क्या असर होता है. ये आपको फोटो लगाकर दिखाना होगा.

अधिनियम की धारा 8 निर्देश देती है कि चेतावनी स्पष्ट और बोल्ड होनी चाहिए ताकि लोगों को उसे पढ़ने और देखने में आसानी हो.

अधिनियम की धारा 9 निर्धारित करती है कि चेतावनी अंग्रेजी या किसी अन्य भारतीय भाषा या आंशिक रूप से अंग्रेजी या किसी अन्य भाषा में होनी चाहिए. किसी भी तरह से अक्षरों का आकार इतना बड़ा होना चाहिए कि लोग उसे अच्छे से पढ़ सकें.

दंड का प्रावधान

इस अधिनियम की धारा 20 के अनुसार यदि कोई उत्पादक जो धारा 7 का उल्लंघन करता है और तंबाकू और सिगरेट उत्पादों पर चेतावनी देने में विफल रहता है, तो उसे दो साल तक की कैद या पांच हजार रुपये का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं.

अगर कोई उत्पादक दूसरी बार इस अपराध का दोषी पाया जाता है तो उसे 5 साल तक की कैद और 10 हजार के जुर्माने की सजा दी जा सकती है.

धारा 20 (2) में निर्दिष्ट कोई भी व्यक्ति जो बिना किसी चेतावनी के तंबाकू या सिगरेट बेचता या वितरित करता है, इस धारा के तहत उत्तरदायी होगा और 1 साल तक की कैद और 1 हजार तक का जुर्माना हो सकता है और अगर दूसरी बार दोषी पाया जाता है तो दो साल तक कैद के साथ तीन हजार रुपये के जुर्माने की सजा दी जा सकती है.

सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान

इस अधिनियम की धारा 4 लोगों को किसी भी सार्वजनिक स्थान पर धूम्रपान करने से प्रतिबंधित करती है. हालांकि अधिनियम की धारा 3 के तहत, सार्वजनिक स्थानों में ऐसी कोई भी जगह शामिल है, जहां जनता की पहुंच है, जैसे अस्पताल, रेलवे प्रतीक्षालय, मनोरंजन केंद्र, रेस्तरां, सार्वजनिक कार्यालय, अदालत भवन, शैक्षणिक संस्थान आदि.

याद रखने वाली बात यह है कि कोई भी खुली जगह सार्वजनिक जगहों में शामिल नहीं है, जैसे सड़कें, पार्क आदि. यानि लोग गली या पार्क या किसी खुली जगह में धूम्रपान कर सकते हैं.

हालांकि अगर कोई व्यक्ति इस धारा का उल्लंघन करता है और इस धारा के तहत परिभाषित किसी भी सार्वजनिक स्थान पर धूम्रपान करता है तो वह दो हजार रुपये का जुर्माना देने के लिए उत्तरदायी होगा.