हाथरस हादसे की जांच के लिए गठित हुई Judicial Commission, कारणों का पता लगाएगी
Hathras Stampede: हाथरस भगदड़ की घटना के मद्देनजर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बुधवार को मामले की गंभीरता और जांच में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए जस्टिस बृजेश कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग (Judicial Commission) का गठन किया है. न्यायिक जांच आयोग के तीन सदस्यों में इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस बृजेश कुमार श्रीवास्तव, आईएएस हेमंत राव और आईपीएस भावेश कुमार सिंह शामिल हैं. आयोग दो महीने के भीतर घटना की जांच कर अपने रिपोर्ट देगी. बता दें कि हाथरस भगदड़ मामले में अब तक 121 लोगों की मौत हो चुकी है और 28 अन्य घायल हुए हैं. घायलों का इलाज जारी है.
न्यायिक आयोग क्या पता लगाएगी?
न्यायिक आयोग अगले दो महीनों में हाथरस भगदड़ के विभिन्न पहलुओं की जांच करेगा और जांच के बाद राज्य सरकार को एक रिपोर्ट सौंपेगा. न्यायिक आयोग यह पता लगाएगा कि आयोजकों ने जिला प्रशासन द्वारा दी गई अनुमति और उल्लिखित शर्तों का पालन किया था या नहीं न्यायिक आयोग जिला प्रशासन और पुलिस द्वारा कार्यक्रम के दौरान भीड़ नियंत्रण और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए किए गए इंतजामों और उनसे जुड़े अन्य पहलुओं की भी जांच करेगा; आयोग उन कारणों और परिस्थितियों का पता लगाने के लिए भी जिम्मेदार होगा, जिनके कारण उपरोक्त घटना हुई और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के संबंध में सुझाव देना भी आयोग की जिम्मेदारी होगी.
क्या है मामला?
उत्तर प्रदेश के हाथरस में मंगलवार को हुई दुखद भगदड़ की घटना में 121 लोगों की जान चली गई और 35 से अधिक लोग घायल हो गए. जिले के सिकंदराराऊ डिवीजन के सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) द्वारा प्रस्तुत प्रथम दृष्टया रिपोर्ट बताती है कि भगदड़ उस समय हुई जब श्रद्धालु धार्मिक समागम सत्संग में प्रवचनकर्ता 'भोले बाबा' से आशीर्वाद लेने के लिए दौड़े, जब वे प्रार्थना के बाद कार्यक्रम स्थल से निकलने वाले थे. प्रवचनकर्ता 'भोले बाबा' की पहचान सूरज पाल के रूप में हुई है, जिन्हें नारायण साकार हरि और जगत गुरु विश्वहरि के नाम से भी जाना जाता है बाद में उन्होंने एक-दूसरे को धक्का देना शुरू कर दिया, जिसके कारण कई लोग जमीन पर गिर गए, जिससे घटनास्थल पर अफरा-तफरी मच गई.
Also Read
- न्याय का मजाक बना दिया... जमानत मिलने के बाद भी शख्स को रिहा नहीं करने पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई नाराजगी, जेल सुपरिटेडेंट, महानिदेशक को किया तलब
- UP में फियो एक्ट का पहला मामला! शाइन सिटी संचालक राशिद नसीम के खिलाफ ED ने दर्ज किया मुकदमा
- Sultanpur Encounter: मजिस्ट्रेट जांच में एनकाउंटर गलत साबित होने पर पुलिस अधिकारी के खिलाफ क्या कार्रवाई होगी? पूरी प्रक्रिया समझिए