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The Kerala Story: तमिलनाडु का सुप्रीम कोर्ट में जवाब 'फिल्म के खराब प्रदर्शन के कारण थिएटर नही कर रहे प्रदर्शन, फिल्म पर कोई प्रतिबंध नही'

PIC: Adah Sharma_ Instagram

Supreme Court ने इस मामले में फिल्म के निर्माता सनशाइन पिक्चर्स प्राइवेट लिमिटेड और एएनआर की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को  CJI की पीठ ने पश्चिम बंगाल सरकार और तमिलनाडु से जवाब मांगा था.

Written By Nizam Kantaliya | Published : May 16, 2023 10:48 AM IST

नई दिल्ली: बहुचर्चित फिल्म The Kerala Story पर तमिलनाडु राज्य में अघोषित प्रतिबंध लगाए जाने के मामले तमिलनाडु राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब पेश किया है.

तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि तमिलनाडु में थिएटर मालिक फिल्म के खराब प्रदर्शन के कारण थिएटर में प्रदर्शित नहीं कर रहे है. लेकिन राज्य सरकार ने फिल्म पर कोई प्रतिबंध नही लगाया है.

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सरकार ने अपने जवाब में कहा है कि "याचिकाकर्ता इस याचिका की आड़ में केवल अपनी फिल्म के लिए प्रचार हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं."

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फिल्म पर कथित तौर पर लगाए प्रतिबंध के खिलाफ द केरल स्टोरी के निर्माताओं द्वारा दायर याचिका में तमिलनाडु सरकार ने ये जवाब पेश किया है.

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सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फिल्म के निर्माता सनशाइन पिक्चर्स प्राइवेट लिमिटेड और एएनआर की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को  CJI की पीठ ने पश्चिम बंगाल सरकार और तमिलनाडु से जवाब मांगा था.

CJI DY Chandrachud ने फिल्म निर्माताओं की याचिका पर सुनवाई करते हुए मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा था कि फिल्म देश के बाकी सभी हिस्सों में रिलीज हुई है, और पश्चिम बंगाल अलग नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सभी पक्षों को सुने बिना कोई आदेश पारित करने से इंकार किया था.जिसके बाद मामले की सुनवाई 17 मई बुधवार को तय की है.

कोई प्रतिबंध नही

सरकार ने अपने जवाब में कहा है कि वास्तव में, फिल्म को दर्शकों की खराब प्रतिक्रिया के कारण इसे सिनेमाघरों से बाहर कर दिया गया.

तमिलनाडु सरकार ने ​याचिकाकर्ताओं के इस तर्क का खंडन किया है कि राज्य ने​ किसी तरह का प्रतिबंध लगाया है.

सरकार ने अपने जवाब में कहा है कि "अनुच्छेद 32 याचिका के तहत इस अदालत से अनुचित अनुग्रह प्राप्त करने के लिए जानबूझकर ये झूठे बयान दिए गए हैं."

सरकार ने कहा कि तमिलनाडु में फिल्म को 19 मल्टीप्लेक्स में रिलीज़ किया गया था और याचिकाकर्ताओं ने यह दिखाने के लिए कोई दस्तावेज पेश नहीं किया है कि राज्य ने फिल्म की स्क्रीनिंग रोक दी है.

वास्तव में राज्य ने हर मल्टीप्लेक्स में अधिक पुलिस बल तैनात किया ताकि सिनेमा देखने वाले बिना किसी कानून और व्यवस्था के मुद्दों के फिल्म देख सकें.

965 पुलिसकर्मी किए गए तैनात

सरकार ने अपने जवाब में कहा कि "25 डीएसपी सहित 965 से अधिक पुलिस कर्मियों को 21 मूवी थिएटरों की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया था, जहां फिल्म दिखाई गई थी."

राज्य ने रेखांकित किया कि यह सिनेमा थिएटर मालिक हैं जिन्होंने फिल्म को खराब प्रतिक्रिया के कारण खुद फिल्म की स्क्रीनिंग बंद कर दी थी और यह कि तमिलनाडु राज्य फिल्म दिखाने वाले थिएटरों को सुरक्षा देने के अलावा दर्शकों की संख्या बढ़ाने के लिए कुछ नहीं कर सकता है.

सरकार ने कहा कि फिल्म में एक्टर्स की खराब परफॉमेंस के चलते थिएटर मालिकों ने स्वेच्छा से 7 मई को फिल्म का प्रदर्शन बंद कर दिया था.

फिल्म निर्माताओं ने राज्य के अधिकारियों से फिल्म प्रदर्शकों को मिली स्पष्ट रूप से अनौपचारिक चेतावनी के चलते थिएटर मालिको द्वारा फिल्म वापस लेने की बात कही गयी है.