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'The Kerala Story' पर WB Govt द्वारा लगाए गए प्रतिबंध हटाने के साथ ही CJI ने क्यों कहा कि वो इस फिल्म को देखेंगे?

The Kerala Story

Supreme Court ने The Kerala Story फिल्म पर पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को हटा दिया है, इसके साथ ही फिल्म निर्माताओं को फिल्म के काल्पनिक होने और 32,000 महिलाओं के इस्लाम धर्म ग्रहण करने के आंकड़े को लेकर डिस्क्लेमर दिखाने के आदेश दिए है.

Written By Nizam Kantaliya | Published : May 18, 2023 4:06 PM IST

नई दिल्ली: The Kerala Story फिल्म पर पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को हटा दिया है, इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को आदेश दिए है कि वह राज्य में फिल्म प्रदर्शन के दौरान सिनेमाघरों को सुरक्षा प्रदान करे.

CJI डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने The Kerala Story फिल्म के निर्माताओं की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया है.

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CJI डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने फिल्म के सीबीएफसी प्रमाणीकरण को चुनौती देने के बिंदू पर गर्मी की छुट्टीयों के बाद सुनवाई करने पर सहमति दी है.

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CJI ने कहा कि पहले वे इस फिल्म को देंखेगे और उसके बाद सुनवाई करेंगे.

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सरकार का आदेश टिकने योग्य नहीं

पश्चिम बंगाल के प्रतिबंध आदेश पर रोक लगाते हुए आदेश में कहा पश्चिम बंगाल ने 8 मई के एक आदेश के तहत पश्चिम बंगाल सिनेमाज रेगुलेशन एक्ट की धारा 4 के साथ पढ़ी जाने वाली धारा 6(1) के तहत पूरे पश्चिम बंगाल में फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है.

पीठ ने कहा कि उनका विचार है कि पश्चिम बंगाल द्वारा प्रतिबंध बंगाल पहले की सामग्री के आधार पर टिकने योग्य नहीं है।.इस प्रकार फिल्म पर प्रतिबंध लगाने के आदेश पर रोक लगाई जाती है.

तमिलनाडु में फिल्म के अघोषित रोक को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम सरकार की इस दलील को स्वीकार करते है कि राज्य में किसी तरह से रोक नही लगाई गयी है.

पीठ ने कहा कि हम निर्देश देते हैं कि प्रत्येक सिनेमा हॉल को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान की जाएगी और फिल्म देखने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक व्यवस्था की जाएगी.

पीठ ने कहा कि फिल्म की स्क्रीनिंग को रोकने के लिए किसी तरह से मौन या स्पष्ट कदम नहीं उठाए जाएंगे.

फिल्म निर्माताओं को भी आदेश

सीजेआई की पीठ ने फिल्म निर्माता याचिकाकर्ताओं को भी आदेश दिया है कि वह 20 मई की शाम 5 बजे तक फिल्म में स्पष्ट रूप से यह कहते हुए एक डिस्क्लेमर प्रदर्शित किया गया जाएगा इस फिल्म में दिखाई जाने वाली घटनाए काल्पनिक है.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि फिल्म निर्माताओं को फिल्म में इस बात स्पष्ट डिस्क्लमेर दिखाना होगा कि केरल में 32,000 महिलाओं के इस्लाम धर्म ग्रहण करने के आंकड़े का समर्थन करने के लिए कोई प्रामाणिक डाटा नही है.

छुट्टियों बाद सुनवाई

फिल्म के सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) द्वारा सर्टिफिकेशन को दी गई चुनौती के बारे में सुप्रीम कोर्ट ने गर्मी की छुट्टियों के बाद सुनवाई करने पर सहम​ति दी है.

सीजेआई की पीठ ने कहा कि क्योंकि इसके लिए कोर्ट को पहले फिल्म देखनी होगी इसलिए इसे अवकाश के बाद सुनवाई की जायेगी.

पीठ ने कहा कि "सीबीएफसी प्रमाणन को चुनौती देने वाले मद्रास हाईकोर्ट के अंतिम फैसले को हम छुट्टियों के बाद सूचीबद्ध करेंगे. क्योकि हमें पहले यह फिल्म देखनी होगी.

सीजेआई ने कहा कि वे ऐसा करेंगे भी यानी फिल्म को देंखेगे भी.