माइनिंग विभाग के डिप्टी डायरेक्टर को High Court Judge की फटकार, कहा 'तुम चपरासी बनने के लायक नहीं'
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच के जस्टिस रोहित आर्य एक बार फिर से अपनी मौखिक टिप्पणी को लेकर चर्चा में है. इस बार इन्होने मध्यप्रदेश माइनिंग डिपार्टमेंट के एक डिप्टी डायरेक्टर को खुली अदालत में ऐसी फटकार लगाई है कि डिप्टी डायरेक्टर जीवन भर नहीं भूल पायेंगे.
जस्टिस रोहित आर्य ने माइनिंग डिपार्टमेंट के एक डिप्टी डायरेक्टर को फटकार लगाते हुए यहां तक कहा है कि तुम चपरासी बनने के लायक नहीं हो.
जस्टिस आर्य रेत के अवैध खनन के एक मामले की सुनवाई कर रहे थे, जब उनके सामने यह तथ्य आया कि हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद रेत के ट्रांसपोर्टेशन के आदेश जारी नहीं किए गए.
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भिंड जिले में रेत खनन के मामले में मध्यप्रदेश हाई कोर्ट कई साल पहले ही रेत ट्रांसपोर्टेशन पास जारी करने ऑर्डर दे चुका है.
हाईकोर्ट के आदेश पर जिला कलेक्टर ने भी अधिकृत खननकर्ताओं को पिछले साल ऑर्डर जारी कर दिया था. इसके बावजूद माइनिंग विभाग ने रेत के ट्रांसपोर्टेशन के लिए पास जारी नहीं किया.
माइनिंग विभाग द्वारा रेत ट्रांसपोर्टेशन पास जारी नहीं करने पर पक्षकारों ने पुन: हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने जब डिप्टी डायरेक्टर से पूछा कि तमाम आदेशों के बावजूद माइनिंग विभाग ने ट्रांसपोर्टेशन पास क्यों जारी नहीं किया तो वे कुछ जवाब नहीं दे सके.यहां तक की डायरेक्टर यह भी नही बता सके कि क्यों जारी नहीं किया गया और किसके आदेश ऐसा किया गया.
डिप्टी डायरेक्टर द्वारा रिप्लाई नहीं करने पर जस्टिस आर्य ने सख्त नाराजगी जताते हुए कई मौखिक टिप्पणीयां की.
जस्टिस आय ने सरकारी महकमे पर रेत माफिया के साथ मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा कि तुम जैसे अधिकारी बिना रिश्वत लिए कोई काम नहीं करते। इस मामले में इसी के चलते पास जारी नहीं किया गया.
जस्टिस आर्य ने डिप्टी डायरेक्टर से कहा कि तुम पास जारी नहीं कर सकते तो अपना जवाब कोर्ट में रेकॉर्ड करो और वे डायरेक्टर को कोर्ट में तलब करेंगे. उन्होंने अधिकारी को नसीहत देते हुए कहा कि अपनी आदतें सुधार लो, नहीं तो निलंबित होने के साथ तुम्हारी नौकरी भी जा सकती है.