जानबूझकर अपमान के कृत्य से बेहद सख्ती के साथ निपटना होगा अन्यथा judicial system धराशायी हो जायेगा-Allahabad High Court
नई दिल्ली: एक महिला जज के साथ दुर्व्यवहार करना उत्तर प्रदेश के वकील को बहुत भारी पड़ा है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में सख्त आदेश जारी करते हुए आरोपी वकील के उत्तर प्रदेश की किसी भी अदालत में प्रैक्टिस करने पर रोक लगा दी है. साथ ही हाईकोर्ट ने आरोपी वकील को आगामी 12 जनवरी को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस अश्विनी कुमार मिश्रा और जस्टिस शिव शंकर प्रसाद की पीठ ने महिला जज द्वारा भेजे गये रेफरेंस पर स्वप्रेणा प्रसंज्ञान से दायर अवमानना याचिका पर ये आदेश दिए है.
बुलंदशहर के खुर्जा अदालत में कार्यरत महिला न्यायिक अधिकारी ने हाईकोर्ट को भेजे रेफरेंस में बताया कि 1 जुलाई 2022 को वह अपनी अदालत में एक अवमानना मामले की सुनवाई कर रही थी. आरोपी अधिवक्ता भरत सिंह ने इस दौरान उनके साथ दुर्व्यवहार किया.
Also Read
- सालार मसूद गाजी के 'उर्स' आयोजित करने देने की मांग, जिला प्रशासन के फैसले के खिलाफ Allahabad HC में याचिका दाखिल
- Justice Yashwant Varma को लेकर क्या तय हुआ? जब CJI Sanjiv Khanna से मिलने पहुंचे छह बार एसोसिएशन के प्रेसिडेंट
- 'नाबालिग का ब्रेस्ट पकड़ना Attempt to Rape नहीं', इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने बताया 'असंवेदनशील'
तारीख पर तारीख, टलती रही सुनवाई
महिला अधिकारी के भेजे गये रेफरेंस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 1 अगस्त 2022 को आरोपी अधिवक्ता को नोटिस जारी करते हुए जवाब पेश करने के लिए 5 सितंबर की तारीख तय की थी.
नोटिस सर्विस नही होने के चलते 5 सितंबर को मामले पर सुनवाई 3 सप्ताह के लिए टाल दी गयी थी. जिसके बाद यह मामला पुन: 31 अक्टूबर 2022 को सूचीबद्ध किया गया.
31 अक्टूबर को इस मामले पर फिर से सुनवाई टाल दी गई क्योंकि आरोपी अधिवक्ता की पैरवी करने वाले अधिवक्ता की तबीयत खराब थी
इस मामले में 2 जनवरी तक आरोपी अधिवक्ता की ओर से नोटिस का जवाब नहीं दिया गया.
नोटिस का जवाब नहीं, लेकिन...
शीतकालीन अवकाश के बाद सूचीबद्ध हुए इस मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट की और पैरवी करते हुए सीनियर एडवोकेट मेहरोत्रा ने महिला अधिकारी द्वारा भेजे गए दूसरे रेफरेंस की हाईकोर्ट को जानकारी दी.
सीनियर एडवोकेट मेहरोत्रा ने हाईकोर्ट को बताया कि उक्त महिला अधिकारी द्वारा हाईकोर्ट के प्रशासनिक जज को एक ओर रेफरेंस भेजा गया है. जिसके अनुसार अवमानना करने वाले अधिवक्ता द्वारा फिर से महिला अधिकारी के साथ दुर्व्यवहार किया गया है.
सीनियर एडवोकेट ने सुनवाई कर रही पीठ को बताया कि न्यायिक अधिकारी ने सूचित किया है कि अवमानना कर्ता ने 20 और 21 दिसंबर 2022 को महिला न्यायिक अधिकारी का सार्वजनिक रूप से अपमान एवं दुर्व्यवहार करते हुए उन्हें धमकाया गया है.
अवमानना कर्ता ने कथित रूप से खुली अदालत में बयान देकर किसी को भी उसे चुनौती देने की हिम्मत दी है. जिसके बाद विरोधी अधिवक्ता के कृत्य के चलते उन्हे मंच से उठना पड़ा और अपने चेंबर में जाना पड़ा.
पीठ को बताया गया कि हाईकोर्ट के प्रशासनिक जज ने कहा कि महिला न्यायिक अधिकारी परिवार के साथ रहती है और उनकी सुरक्षा और उनके परिवार की सुरक्षा को गंभीर खतरा है.
हम सख्ती से निपटना चाहते है...
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि आज भी जब यह मामला सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है तो आरोपी अधिवक्ता की ओर से जवाब देने के लिए अधिक समय की मांग की गयी.
पीठ ने कहा कि इस मामले में अवमानना कर्ता अधिवक्ता की ओर से जानबूझकर देरी करने का तरीका अपनाया गया है. अवमानना कर्ता ने बेहद ही मनमाने तरीके से कार्य किया गया है जिसे अदालत द्वारा स्वीकार नहीं किया जा सकता.
पीठ ने कहा कि हम एक महिला न्यायिक अधिकारी के साथ जानबूझकर किए गए अपमान के कार्य को बेहद सख्ती के साथ निपटना चाहते है अन्यथा judicial system धराशायी हो जायेगा.
अगले आदेश तक प्रैक्टिस नही, जज को सुरक्षा
पीठ ने इसके साथ ही इलाहाबाद हाईकोर्ट के नियमों के अनुसार अधिवक्ता भरत सिंह को मामले की अगली सुनवाई तक उत्तर प्रदेश की किसी भी अदालत में प्रैक्टिस करने पर रोक लगाने के आदेश दिए.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इसके साथ ही बुलंदशहर के Senior Superintendent of Police को भी आदेश दिए है कि वो महिला न्यायिक अधिकारी को उचित सुरक्षा प्रदान करे. इसके साथ ही अगर अवमानना कर्ता की ओर से कोई भी कार्य किया जाता है तो पुलिस कानून के अनुसार उचित कार्यवाही करें.
हाईकोर्ट की पीठ ने इस मामले में अवमानना कर्ता अधिवक्ता को आगामी 12 जनवरी 2013 को कोर्ट में व्यक्गित रूप से पेश होने के आदेश दिए है.
हाई कोर्ट ने अवमानना कर्ता को भविष्य के लिए चेतावनी देते हुए कहा है कि वह अपने कृत्य के प्रति सावचेत रहे. हाईकोर्ट ने बुलंदशहर जिला जज को भी महिला न्यायिक अधिकारी की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने के आदेश दिए है.