Telangana: विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में CBI को Supreme Court का नोटिस
नई दिल्ली: तेलंगाना में विधायकों की खरीद फरोख्त के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब तलब किया है. तेलंगाना सरकार की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है.
तेलंगाना हाईकोर्ट ने विधायकों की खरीद फरोख्त के मामले को सीबीआई को स्थानांतरित करने के आदेश दिया था. राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
भाजपा पर आरोप
याचिका में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर आरोप लगाते हुए कहा गया है कि भाजपा सत्ताधारी दल है, जो तेलंगाना सरकार को अस्थिर करने के लिए अवैध और आपराधिक तरीके अपना रही हैं. इसलिए हाईकोर्ट इस मामले को सीबीआई को जांच के लिए नहीं सौंप सकता'
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याचिका में कहा गया कि हाईकोर्ट ने 'अनावश्यक रूप से' निष्कर्ष निकाला है कि तीन नवंबर 2022 को मुख्यमंत्री द्वारा सीडी जारी करना जांच में हस्तक्षेप करने जैसा है.
याचिका में कहा गया है सीबीआई सीधे केंद्र सरकार के अधीन काम करती है। यह केंद्रीय जांच एजेंसी प्रधानमंत्री और गृह मंत्रालय के कार्यालय के नियंत्रण में है. तेलंगाना सरकार को गिराने के लिए भाजपा के शीर्ष नेताओं ने चार विधायकों को खरीदने की कोशिश की गई.
क्या है मामला
26 अक्टूबर, 2022 को कथित तौर पर भाजपा (BJP) में शामिल होने की पेशकश पाने वाले चार BRS विधायकों में शामिल रोहित रेड्डी की शिकायत के बाद रामचंद्र भारती उर्फ सतीश शर्मा, नंदू कुमार और सिम्हायजी स्वामी को इस खरीद-फरोख्त मामले में आरोपी के तौर पर नामजद किया गया है.
तीनों को सत्तारूढ़ BRS विधायकों को भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने का कथित तौर पर लालच देते वक्त गिरफ्तार किया गया था. जिन्हे बाद में तेलंगाना हाईकोर्ट ने जमानत दे दी थी.
पुलिस में दर्ज हुई FIR के मुताबिक, रोहित रेड्डी ने आरोप लगाया था कि उन्हें तत्कालीन तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के विधायक पद से इस्तीफा देने और अगले चुनाव में भाजपा (BJP) के टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए 100 करोड़ रुपये देने का लालच दिया गया है.