Delhi High Court ने 22 साल पुराने मामले में सुनाया फैसला, Tehelka और Tarun Tejpal समेत इन पत्रकारों को देने पड़ेंगे दो करोड़ रुपये
नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने शुक्रवार को लगभग 22 साल पुराने मामले में न्यूज प्लेटफॉर्म तहलका (Tehelka) और पत्रकारों तरुण तेजपाल (Tarun Tejpal), मैथ्यू सैम्युएल (Mathew Samuel) और अनिरुद्ध बहल (Aniruddha Bahal) को निर्देश दिया है कि उन्हें पूर्व आर्मी ऑफिसर को दो करोड़ रुपये देने होंगे।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि करीब 22 साल पहले तहलका के इन पत्रकारों ने पूर्व आर्मी ऑफिसर मेजर जनरल एमएस अहलूवालिया (Major General MS Ahluwalia) पर स्टिंग ऑपरेशन किया था।
'तहलका' के स्टिंग ऑपरेशन पर Delhi HC का फैसला
दिल्ली उच्च न्यायालय की न्यायाधीश नीना बंसल कृष्णा (Justice Neena Bansal Krishna) ने यह निर्देश दिया है कि तहलका और उसके पत्रकारों ने मेजर जनरल अहलूवालिया को मानहानि पहुंचाई क्योंकि उन्होंने कभी किसी तरह के पैसे नहीं मांगे थे; फिर भी न्यूज रिपोर्ट्स में उनके बारे में गलत बातें छापी गईं।
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अदालत ने कहा कि इस मामले में अब सिर्फ माफी मांगने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि उन्हें कोर्ट के सवालों का जवाब देना पड़ा और इस सबके चलते उन्हें 'एक सैन्य अधिकारी के लिए अनुपयुक्त' घोषित कर दिया गया।
इस मामले में अदालत का यही फैसला था कि तहलका, तरुण तेजपाल, मैथ्यू सैम्युएल और अनिरुद्ध बहल को शिकायतकर्ता को दो करोड़ रुपये देने होंगे।
क्या था पूरा मामला
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 2002 में तहलका ने एक स्टिंग ऑपरेशन किया था जिसके वीडियो क्लिप को देखकर ऐसा लग रहा रहा जैसे मेजर जनरल अहलूवालिया ने रिपोर्टर से ब्लू लेबल ह्विस्की (Blue Label Whiskey) और दस लाख रुपये मांगे थे। शिकायतकर्ता ने 2002 में अदालत में इस न्यूज प्लेटफॉर्म के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था और यह कहा था कि वीडियो में उनपर लगाए गए आरोप झूठे हैं और जानबूझकर उन्हें फँसाने के लिए ऐसा किया गया है।
उन्होंने यह भी कहा कि वो वीडियो रिकॉर्डिंग पूरी तरह से सच्ची नहीं है, उसके साथ छेड़-छाड़ की गई है, उसके कुछ हिस्सों को डिलीट किया गया है और कुछ कमेन्ट्स अपने आप जोड़े गए हैं।