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शिक्षक भर्ती घोटाला: कलकत्ता उच्च न्यायालय अभिषेक बनर्जी की अर्जी पर आज करेगा सुनवाई

कलकत्ता उच्च न्यायालय

पश्चिम बंगाल सरकार से सहायता प्राप्त स्कूलों में भर्तियों में कथित अनियमितताओं से संबंधित सौमेन नंदी की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने 13 अप्रैल को कहा था कि आरोपी घोष से केंद्रीय एजेंसियां जल्द ही पूछताछ कर सकती हैं.

Written By My Lord Team | Published : May 15, 2023 10:58 AM IST

कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के आवेदन पर जो की सौमेन नंदी द्वारा दायर कथित शिक्षक भर्ती घोटाला मामले से सम्बंधित है, कलकत्ता उच्च न्यायालय आज सुनवाई करेगा. एक न्यायाधीश ने केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को निर्देश दिया था कि वह अभिषेक बनर्जी के सार्वजनिक भाषण को अपनी जांच के दायरे से बाहर न रखे.

खबरों के अनुसार, सौमेन नंदी बनाम पश्चिम बंगाल सरकार मामले को उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ने न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की अदालत से न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा की अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया था.

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न्यायमूर्ति सिन्हा ने न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय द्वारा दिये गए आदेश को वापस लेने के लिए बनर्जी के आवेदन पर विचार करते हुए निर्देश दिया कि मामले की सुनवाई सोमवार को की जायेगी. केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा किसी भी संभावित कार्रवाई के बारे में उनके वकीलों द्वारा व्यक्त की गई आशंकाओं पर न्यायाधीश ने कहा कि अदालतों के दरवाजे हमेशा खुले हैं.

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गिरफ्तार आरोपी कुंतल घोष द्वारा दायर एक शिकायत में आरोप लगाया गया था कि भर्ती मामले में बनर्जी और टीएमसी के अन्य नेताओं का नाम लेने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा उन पर दबाव डाला जा रहा था.

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पश्चिम बंगाल सरकार से सहायता प्राप्त स्कूलों में भर्तियों में कथित अनियमितताओं से संबंधित सौमेन नंदी की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने 13 अप्रैल को कहा था कि आरोपी घोष से केंद्रीय एजेंसियां जल्द ही पूछताछ कर सकती हैं.

कोर्ट ने निर्देश दिया था कि बनर्जी के एक सार्वजनिक भाषण सहित सभी पहलुओं को सीबीआई की जांच से बाहर नहीं रखा जाना चाहिए और यदि आवश्यक हो तो यह जांच ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) द्वारा भी की जानी चाहिए.

आपको बता दे की टीएमसी सांसद ने 29 मार्च को कोलकाता में एक जनसभा को संबोधित किया था और आदेश को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय का रुख किया था.

बनर्जी के वकीलों ने न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय द्वारा एक समाचार चैनल को दिए गए एक साक्षात्कार का उल्लेख किया था, जिसमें उन्होंने टीएमसी नेता के खिलाफ कथित तौर पर बात की थी.