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राज्यपाल के फैसले को तमिलनाडु राज्य ने सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती, के पोनमुडी को दोबारा मंत्रीमंडल में शामिल करने से जुड़ा है मामला

सुप्रीम कोर्ट के 11 मार्च को पोनमुडी की सजा पर रोक लगाई थी. सदस्यता वापस मिलने पर तमिलनाडु राज्य द्वारा उन्हें दोबारा से मंत्रीमंडल से शामिल करने के फैसले को राज्यपाल ने मंजूरी नहीं दी है. राज्यपाल आरएन रवि के इस फैसले को राज्य ने सु्प्रीम कोर्ट में चुनौती दिया है.

Written By My Lord Team | Updated : March 18, 2024 4:55 PM IST

k Ponmudi: तमिलनाडु में राज्य सरकार और गर्वनर आमने- सामने है. दोनों के बीच के पोनमुडी को दोबारा से मंत्री बनाने को लेकर तकरार छिड़ी है. अब यह टकराव सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गई है. राज्य ने सुप्रीम कोर्ट को हस्तक्षेप करके द्रविड मुनेत्रा कड़गम (डीएमके) नेता के पोनमुडी को दोबारा से कैबिनेट में शामिल करने की मांग की है. बता दें कि के पोनमुडी एक मामले में दोषी पाए गए थे. दोष सिद्ध होने पर उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई थी. अब उस सजा पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाया है. रोक लगाने के बाद ही उन्हें विधानसभा सदस्यता वापस मिल गई है. और मुख्यमंत्री एम के स्टालिन उन्हें कैबिनेट में दोबारा से शामिल करने की मांग कर रहे हैं, जिस पर गवर्नर ने आपत्ति जताई है.

सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ?

सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने और पी विल्सन ने तमिलनाडु राज्य की ओर से पेश हुए. उन्होंने इस मामले को सीजेआई के समक्ष त्वरित सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने की मांग की.

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सीनियर वकील ने कहा,

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"ये वही राज्यपाल है जिसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी निर्देश जारी किया है."

प्रत्युत्तर में सीजेआई ने मामले की सुनवाई को सहमति दे दी है.

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Governor से किन-किन मुद्दों पर तकरार है?

तमिलनाडु के वर्तमान राज्यपाल आरएन रवि है. वहीं, के पोनमुडी को कैबिनेट में शामिल करने के विषय पर गवर्नर साहब और राज्य के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के बीच तकरार छिड़ी हुई है. गवर्नर ने राज्य की सहमति के बाद भी कैदियों को समय से पहले रिहा करने वाले बिल को मंजूरी नहीं दी है. यह मामला भी सुप्रीम कोर्ट के सामने लंबित है.

अब, के पोनमुडी को राज्य की कैबिनेट में जगह देने के फैसले को भी राज्यपाल ने मंजूरी देने से इंकार किया है. राज्य ने सुप्रीम कोर्ट से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है. राज्य की मांग है कि वे पोनमुडी को कैबिनेट में शामिल करना चाहते है. उन्हें हुई सजा पर सुप्रीम कोर्ट ने 11 मार्च, 2024 के दिन रोक लगाई है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद वे दोबारा से विधानसभा सदस्य के रूप में शामिल हो गए है. और सदस्य बनने के बाद हम उन्हें मंत्रीमंडल में शामिल करना चाहतें हैं.

वहीं, राज्यपाल आरएन रवि ने इस पर अनिच्छा जताई है. राज्यपाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सजा पर रोक लगाई है. उन्हें सजामुक्त नहीं किया है. इसलिए संवैधानिक मूल्यों को ध्यान में रखकर ऐसा नहीं किया जा सकता है.

सुप्रीम कोर्ट दें निर्देश

तमिलनाडु सरकार ने राज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र को रद्द करने की मांग की है और पोनमुडी को मुख्यमंत्री को सुझाए गए पद की शपथ दिलाकर मंत्री के रूप में नियुक्त करने के निर्देश देने की मांग की है.