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Cash-for-job Scam: सेंथिल बालाजी के खिलाफ ED जांच मामले में SC ने Madras HC के आदेश पर लगाई रोक

Madras High Court ने अपने आदेश में ED को बालाजी के खिलाफ 'कैश-फॉर-जॉब स्कैम' में दर्ज दो मामलों की नए सिरे से जांच करने का निर्देश दिया था.

Written By Nizam Kantaliya | Published : May 16, 2023 12:30 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक आदेश के जरिए मद्रास हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है जिसके जरिए हाईकोर्ट ने cash-for-jobs scam मामले में तमिलनाडु के बिजली मंत्री वी सेंथिल बालाजी के खिलाफ नए सिरे से ED जांच के आदेश दिए थे.

Justice Krishna Murari और Justice V Ramasubramanian की पीठ ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए कहा कि मामलों की जांच कर रहे जांच अधिकारी नियत समय पर आगे बढ़ सकते हैं और विशेष जांच दल के अनुरोध पर बाद में विचार किया जा सकता है.

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पीठ ने मद्रास हाईकोर्ट के अक्टूबर 2022 के फैसले के खिलाफ अपील का निस्तारण करते हुए ये आदेश दिए है.

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हाईकोर्ट ने दिये थे आदेश

मद्रास हाईकोर्ट ने अपने आदेश में ईडी को बालाजी के खिलाफ 'कैश-फॉर-जॉब स्कैम' में दर्ज दो मामलों की नए सिरे से जांच करने का निर्देश दिया था.

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हालांकि इस मामले में ED ने अपनी जांच पूरी कर ली थी और 2021 में सभी मामलों में चार्जशीट दायर कर दी थी, लेकिन हाईकोर्ट ने माना कि केंद्रीय एजेंसी की जांच महत्वपूर्ण फोरेंसिक सबूत हासिल करने में विफल रही थी.

हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि बालाजी और मामले से जुड़े अन्य सभी पक्षों द्वारा कई अदालतों में दायर कई याचिकाओं और आवेदनों के कारण धन शोधन निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत कथित अपराधों में ईडी की जांच को काफी नुकसान हुआ है.

वर्ष 2021 में ईडी ने घोटाले से जुड़े चार अन्य मामले दर्ज किए थे और इन चारों में बालाजी को आरोपी बनाया गया था. इनमें से दो मामले राज्य परिवहन विभाग में बस कंडक्टरों की नियुक्ति में अनियमितता से संबंधित हैं, और अन्य दो ड्राइवर और जूनियर इंजीनियरों की नियुक्ति से संबंधित हैं.

ED को आदेश

ये सभी नियुक्तियां 2011 और 2015 के बीच अन्नाद्रमुक सरकार में Transport Minister के रूप में बालाजी के कार्यकाल के दौरान की गई थीं. बालाजी ने दोनों मामलों से discharge के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.

हाईकोर्ट में दायर याचिका में सेंथिल ने दावा किया था कि वह "राजनीतिक द्वेष" का शिकार थे, क्योंकि वह AIADMK से DMK में चले गए थे.

मद्रास हाईकोर्ट ने बालाजी सेंथिल की दलीलों को खारिज करते हुए ED को नए सिरे से जांच के आदेश दिए थे.