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अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट कल सुनाएगा फैसला, शराब नीति घोटाले में CBI की गिरफ्तारी से जुड़ा है मामला

सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर फैसला सुनाएगा, जिसमें उन्होंने कथित शराब नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती दी है और साथ ही जमानत की मांग की है.

Written By Satyam Kumar | Updated : September 12, 2024 4:35 PM IST

Supreme Court Verdict On Arvind kejriwal's Plea: सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर फैसला सुनाएगा, जिसमें उन्होंने कथित शराब नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती दी है और साथ ही जमानत की मांग की है. सर्वोच्च न्यायालय की वेबसाइट पर प्रकाशित कॉजलिस्ट के अनुसार, जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ 13 सितंबर को अपना फैसला सुनाएगी.

केजरीवाल की जमानत पर SC ने फैसला रखा था रिजर्व

पिछले सप्ताह, सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस उज्जल भुइयां की अध्यक्षता वाली पीठ ने अरविंद केजरीवाल का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी और सीबीआई की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG) एसवी राजू की मौखिक दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा था. अब सुप्रीम कोर्ट कल उनकी याचिका पर फैसला सुनाएगा.

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सुनवाई के दौरान सिंघवी ने दलील दी कि सीबीआई ने सीएम केजरीवाल को दो साल तक गिरफ्तार नहीं किया, बल्कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी रिहाई को रोकने के लिए जल्दबाजी में गिरफ्तारी की. उन्होंने कहा कि सीबीआई ने केजरीवाल को उनके असहयोग और टालमटोल वाले जवाब के लिए गिरफ्तार किया, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय के कई फैसले हैं, जिनमें कहा गया है कि जांच में सहयोग करने का मतलब यह नहीं होना चाहिए कि आरोपी को दोषी ठहराना चाहिए और कथित अपराधों को कबूल करना चाहिए. सिंघवी ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री के पद पर आसीन संवैधानिक पदाधिकारी केजरीवाल ने जमानत देने के लिए ट्रिपल टेस्ट को पूरा किया है. उन्होंने दावा किया कि केजरीवाल के भागने का खतरा नहीं है, वे जांच एजेंसी के सवालों का जवाब देने के लिए मैजूद रहेंगे और दो साल बाद अब वे लाखों पन्नों के दस्तावेजों और डिजिटल साक्ष्यों से छेड़छाड़ नहीं कर सकते.

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केजरीवाल को पहले ट्रायल कोर्ट से जमानत मांगनी चाहिए: CBI

दूसरी ओर, केंद्रीय एजेंसी ने आशंका जताई कि सीएम केजरीवाल की रिहाई से कई गवाह प्रतिकूल हो जाएंगे और उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय से उन्हें जमानत पर रिहा न करने का आग्रह किया. एएसजी राजू ने कहा कि गोवा विधानसभा चुनाव में आप के कई उम्मीदवार सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद ही केंद्रीय एजेंसी के समक्ष अपना बयान देने के लिए आगे आए. उन्होंने तर्क दिया कि यदि आप केजरीवाल को जमानत पर रिहा करते हैं तो वे (गवाह) प्रतिकूल हो जाएंगे.

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उन्होंने तर्क दिया कि सीएम केजरीवाल की जमानत याचिका को ट्रायल कोर्ट में वापस भेजा जाना चाहिए और उन्हें पहली बार में जमानत के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर नहीं करनी चाहिए थी. एएसजी ने कहा कि गिरफ्तारी जांच का एक हिस्सा है और एक जांच अधिकारी को गिरफ्तारी करने के लिए अदालत से किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं होती है. सीबीआई ने अदालत को बताया किवर्तमान मामले में, अदालत ने (गिरफ्तारी करने का) अधिकार देने का आदेश दिया था.  उन्होंने कहा कि जब अदालत के आदेश के अनुसार गिरफ्तारी की जाती है, तो आरोपी मौलिक अधिकारों के उल्लंघन का आरोप नहीं लगा सकता.

शराब नीति घोटाले में कई आप नेताओं को मिली जमानत

हाल ही में शीर्ष अदालत ने आबकारी नीति मामले में वरिष्ठ आप नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, बीआरएस नेता के. कविता और आप के पूर्व संचार प्रभारी विजय नायर की जमानत याचिका मंजूर की. आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सर्वोच्च न्यायालय में दायर अपनी विशेष अनुमति याचिका में अपनी गिरफ्तारी और उसके बाद रिमांड आदेशों को चुनौती दी है, साथ ही भ्रष्टाचार मामले में जमानत की मांग भी की है.

सुप्रीम कोर्ट ने 12 जुलाई को सीएम केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था. हालांकि, सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद से वह जेल से बाहर नहीं आ पाए. इस बीच, बुधवार को दिल्ली की एक अदालत ने सीएम केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 25 सितंबर तक बढ़ा दी, जिन्हें पहले दी गई न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने पर तिहाड़ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया था.