Advertisement

वकीलों के पंजीकरण के लिए BCI से मान्यता प्राप्त कॉलेजों से पढाई करना अनिवार्य, SC ने नियम ठहराया वैध

बार कॉउन्सिल ऑफ़ इंडिया द्वारा वकीलों के पंजीकरण के लिए बनाए गए उस नियम को कोर्ट ने वैध करार दिया है, जिसमें कहा गया था कि, अधिवक्ता के रूप में पंजीकरण कराने वाले उम्मीदवारों के लिए शीर्ष बार निकाय की मान्यता वाले कॉलेज से विधि पाठ्यक्रम पूरा करना आवश्यक है।

Written By My Lord Team | Published : June 10, 2023 2:18 PM IST

नई दिल्ली: बार कॉउन्सिल ऑफ़ इंडिया द्वारा वकीलों के पंजीकरण के लिए बनाए गए उस नियम को कोर्ट ने वैध करार दिया है, जिसमें कहा गया था कि, अधिवक्ता के रूप में पंजीकरण कराने वाले उम्मीदवारों के लिए शीर्ष बार निकाय की मान्यता वाले कॉलेज से विधि पाठ्यक्रम पूरा करना आवश्यक है।

कुछ समय पहले उड़ीसा उच्च न्यायालय ने रबि शाहू नामक व्यक्ति को वकील में पंजीकृत करने का निर्देश देते हुए अपने फैसले में कहा था कि, BCI नियम नहीं बना सकता और न ही 1961 के अधिवक्ता कानून की धारा 24 के तहत निर्धारित नियमों के अलावा कोई शर्त जोड़ सकता है. रवि शाहू ने अपनी कानून डिग्री एक ऐसे कॉलेज से प्राप्त की थी जिसे BCI के द्वारा मान्यता नहीं मिली थी.

Advertisement

न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संजय कुमार की अवकाश पीठ ने उड़ीसा उच्च न्यायालय के इस फैसले को रद्द कर दिया है.

Also Read

More News

सर्वोच्च अदालत ने कहा बीसीआई द्वारा बनाए गए उस नियम को अवैध नहीं कहा जा सकता जिसमें अधिवक्ता के रूप में पंजीकरण के लिए किसी उम्मीदवार को बीसीआई की मान्यता या मंजूरी वाले कॉलेज से कानून की पढ़ाई पूरी करने की आवश्यकता है। इसके साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने उच्च न्यायालय के 21 सितंबर 2012 को खारिज कर दिया।

Advertisement

पीठ ने उच्च न्यायालय के फैसले का विश्लेषण करते हुए कहा कि उसने वी सुधीर बनाम बीसीआई मामले में 1999 के फैसले को आधार बनाया। पीठ ने कहा कि इस साल 10 फरवरी को सर्वोच्च अदालत की एक संविधान पीठ ने कहा था कि 1999 का फैसला अच्छा कानून नहीं था।