सेंथिल बालाजी को निजी अस्पताल में भेजने संबंधी फैसले के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 21 जून को करेगा सुनवाई
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय शहर के एक सरकारी अस्पताल में उपचार करा रहे तमिलनाडु के मंत्री वी सेंथिल बालाजी को किसी निजी अस्पताल में स्थानांतरित करने की अनुमति देने संबंधी मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की याचिका पर 21 जून को सुनवाई करेगा.
बालाजी, दिवंगत जे जयललिता के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) सरकार में परिवहन मंत्री थे. प्रवर्तन निदेशालय ने उनके कार्यकाल के दौरान पैसे लेकर नौकरी देने से जुड़े घोटाले के सिलसिले में धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत उन्हें गिरफ्तार किया है.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की अवकाशकालीन पीठ के समक्ष इस मामले का जिक्र किया और तत्काल सुनवाई किए जाने का अनुरोध किया.
Also Read
- बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन करने का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट; RJD, TMC सहित इन लोगों ने दायर की याचिका, अगली सुनवाई 10 जुलाई को
- जैक्लीन फर्नांडीस को Delhi HC से नहीं मिली राहत, 200 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जारी रहेगा मुकदमा
- BCCI को नहीं, ललित मोदी को ही भरना पड़ेगा 10.65 करोड़ का जुर्माना, सुप्रीम कोर्ट ने HC के फैसले में दखल देने से किया इंकार
अस्पताल में स्थानांतरित करने की अनुमति
मेहता ने पीठ से कहा कि बालाजी एक प्रभावशाली मंत्री हैं और उच्च न्यायालय ने उन्हें एक निजी अस्पताल में स्थानांतरित करने की अनुमति दे दी है. उच्च न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद से एक सरकारी अस्पताल में उपचाराधीन बालाजी को निजी अस्पताल में स्थानांतरित करने की 15 जून को अनुमति दी थी.
बालाजी की पत्नी द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई कर रही अदालत ने यह अंतरिम आदेश दिया था. उसने बालाजी की कथित अवैध गिरफ्तारी से जुड़ी मुख्य याचिका पर भी निदेशालय को नोटिस जारी किया था और मामले की अगली सुनवाई के लिए 22 जून की तिथि तय की.
अदालत ने कहा था कि बालाजी न्यायिक हिरासत में ही रहेंगे और उसने जांच एजेंसी को मंत्री के स्वास्थ्य के मद्देनजर चिकित्सकों का अपना दल तैनात करने की भी अनुमति दी थी.