सुप्रीम कोर्ट से 'आप' नेताओं को मिली राहत, ट्रायल कोर्ट के समक्ष अपराधिक अवमानमा में कार्यवाही पर लगी रोक
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (16 जनवरी, 2024) को दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल और आप सांसद संजय सिंह को अपराधिक मानहानि मामले में बड़ी राहत दी है. यह मामला गुजरात विश्वविद्यालय द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की शैक्षणिक योग्यता से जुड़े विवाद में दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल और आप सांसद संजय सिंह के खिलाफ अपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया गया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के समक्ष 'कार्यवाही' पर फिलहाल रोक लगाई है.
सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत
सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाई कोर्ट से आम आदमी पार्टी (आप) नेताओं द्वारा निचली अदालत द्वारा उन्हें जारी किए गए समन को रद्द करने की मांग वाली याचिका पर चार सप्ताह के भीतर निर्णय लेने को कहा है. बेंच ने कहा कि इस दौरान, ट्रायल कोर्ट के समक्ष अपराधिक अवमानना से जुड़े मामले की कार्यवाही पर रोक रहेगी।
Also Read
- बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन करने का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट; RJD, TMC सहित इन लोगों ने दायर की याचिका, अगली सुनवाई 10 जुलाई को
- BCCI को नहीं, ललित मोदी को ही भरना पड़ेगा 10.65 करोड़ का जुर्माना, सुप्रीम कोर्ट ने HC के फैसले में दखल देने से किया इंकार
- अरूणाचल प्रदेश की ओर से भारत-चीन सीमा पर भूमि अधिग्रहण का मामला, सुप्रीम कोर्ट ने मुआवजा बढ़ाकर देने के फैसले पर लगाई रोक, केन्द्र की याचिका पर जारी किया नोटिस
आप सांसद संजय सिंह का पक्ष रख रहे वकील करण शर्मा ने शीर्ष अदालत में दायर अपनी याचिका में ट्रायल कोर्ट के समक्ष कार्यवाही में पक्षपात का आरोप लगाया था और कहा था कि जब उनकी याचिका उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित थी, तब भी ट्रायल जज मामले पर आगे बढ़ रहे थे।
क्या है पूरा मामला?
केन्द्रीय सूचना आयोग(CIC) ने पीएम नरेन्द्र मोदी की शैक्षणिक योग्यता से जुड़ी जानकारी के लिए एक आदेश दिया था. इस आदेश के खिलाफ गुजरात विश्वविद्यालय ने हाई कोर्ट का रूख किया था. हाई कोर्ट ने मार्च, 2023 में इस आदेश को रद्द करने के साथ-साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री के खिलाफ 25,000 रूपये का जुर्माना भी लगाया था. हाई कोर्ट के फैसले पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और संजय सिंह ने प्रेस कांफ्रेस की. जिस पर गुजरात विश्वविद्यालय ने मानहानि का केस दर्ज कराया था, तब से दोनों नेता अपराधिक अवमानना मामले का सामना कर रहे थे.