Mid-Day Meal में बच्चों को चिकन-मटन न देने पर लक्षद्वीप प्रशासन से Supreme Court ने मांगा जवाब
नई दिल्ली: लक्षद्वीप प्रशासन द्वारा स्कूली बच्चो के Mid-Day Meal में चिकन-मटन न देने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने लक्षदीप प्रशासन से जवाब तलब किया है.
याचिका के जरिए लक्षद्वीप केंद्र शासित प्रदेश में मिड-डे मील योजना से मटन और चिकन को हटाने को चुनौती दी गई है. साथ ही केरल हाईकोर्ट के सितंबर 2021 के आदेश को चुनौती दी गयी है.
जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ सुनवाई के बाद लक्षद्वीप प्रशासन को इस मामले में जवाब पेश करने का आदेश दिया है.
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केरल हाई कोर्ट ने सितंबर 2021 में लक्षद्वीप प्रशासन के मिड-डे मील से चिकन और मांस को बाहर करने और आसपास के डेयरी फार्म को बंद करने के फैसले को चुनौती देने वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया था.
इससे पहले द्वीपीय प्रदेश में स्कूलों में मिड-डे मील के तहत चिकन और मटन दिया जाता था लेकिन लक्षद्वीप प्रशासन ने उसे बंद कर दिया.
मामले की सुनवाई करते हुए पीठ ने कहा कि आप बच्चों को इससे क्यों वंचित कर रहे हैं…?”,
हस्तक्षेप करते हुए केन्द्र शाषित प्रदेश ओर से पेश हुए ASG K. M. नटराज ने पीठ को जवाब दिया कि वे बच्चों को उससे बेहतर चीजें दे रहे है.
जिस पर पीठ ने कहा कि "क्या बेहतर है? क्या चिकन और मटन की जगह उन्हें ड्राई फ्रूट्स दिए जा रहे हैं?”
ASG नटराज ने सुनवाई के दौरान पीठ के समक्ष लक्षद्वीप की नई मिड-डे मील योजना पेश की.
पीठ ने योजना को देखने के बाद सरकार से पूछा कि योजना मेें चिकन कहाँ है? मान लीजिए कि यह मेरे आहार या सांस्कृतिक आदत का हिस्सा है,तो इसे कैसे उससे अलग किया जा सकता है?"
सुनवाई के बाद पीठ ने लक्षद्वीप प्रशासन को इस मामले में जवाब पेश करने के आदेश दिए है.