महिलाओं, बच्चों और ट्रांसजेडरों की सुरक्षा से जुड़े कानून को सख्ती से लागू कराने की मांग, SC ने केन्द्र सरकार को जारी किया नोटिस
समाज मे महिलाओं, बच्चों, ट्रांसजेंडर की सुरक्षा के लिए कानूनो पर अमल सुनिश्चित करने के लिए दिशानिर्देश तय करने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार को नोटिस जारी किया है. याचिका में इनसे जुड़े अपराधों को रोकने के लिए 'केमिकल कैस्ट्रेशन' (Chemeical Castrartion) तक की सजा का प्रावधान किए जाने की मांग को सुप्रीम कोर्ट ने बर्बर माना. इसके बावजूद, सुप्रीम कोर्ट सार्वजनिक परिवहन में महिलाओं के प्रति सम्मानजनक व्यवहार सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देशों की आवश्यकता पर जोर देते हुए केन्द्र से जबाव की मांग की है.
कैमिकल कैस्टेस्शन.. एक बर्बर सजा: SC
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिस तरह की सज़ा की मांग कर रही है, वो बर्बर हो सकती है. हम देखेंगे कि मौजूदा कानून में कहां खामी है, लेकिन जहां तक पब्लिक ट्रांसपोर्ट में महिलाओं के साथ गरिमापूर्ण व्यवहार के लिए दिशानिर्देश तय किए जाने की मांग है, ये अपने आप मे अहम विषय है. इस पर सख्ती से अमल होना चाहिए.
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने दलील दी कि कि निर्भया से लेकर अभया तक... सड़क से लेकर घर तक रेप के मामले बढ़ रहे है. आरजी कर अस्पताल में हुई घटना के बाद 95 ऐसी घटनाओं का हवाला मैंने अर्जी में दिया है.
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क्या होता है केमिकल कैस्ट्रेशन?
कैमिकल कैस्ट्रेशन की प्रक्रिया में लोगों के अंदर एनाफ्रॉडिसिक नाम के ड्रग इंजेक्ट कर टेस्टोस्टेरॉन की मात्रा कम कर दी जाती है, जिससे उसके अंदर यौनेच्छा (सेक्स ड्राइव) की मात्रा कम हो जाती है.