ED Director संजय मिश्रा का कार्यकाल बढाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर Supreme Court ने फैसला सुरक्षित
नई दिल्ली: Supreme Court ने प्रवर्तन निदेशालय ED निदेशक संजय मिश्रा के कार्यकाल के विस्तार को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सभी पक्षो की दलीलों के बाद सोमवार को फैसला सुरक्षित रख लिया है.
Justice B R गवई, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संजय करोल की पीठ ने सोमवार को इस मामले में सभी पक्षो की बहस को समाप्त करते हुए फैसला सुरक्षित रखा है.
सोमवार को सुनवाई के दौरान central government ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि नवंबर 2023 के बाद संजय मिश्रा का कार्यकाल नहीं बढाया जाएगा.
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सरकार ने कहा कि याचिकाकर्ताओं की पार्टी के कई नेता ED जांच के दायरे में हैं और ये याचिकाएं दरअसल MoneyLaundering के मामले में आरोपों का सामना कर रहे अपने नेताओं को बचाने की कोशिश है.
केंद्र सरकार ने नवम्बर 2021 में अध्यादेश के ज़रिए ED और CBI निदेशक का कार्यकाल 5 साल तक रहने की व्यवस्था की थी.
62 वर्षीय संजय मिश्रा को पहली बार 19 नवंबर, 2018 को दो साल के लिए ईडी का निदेशक नियुक्त किया गया था. बाद में 13 नवंबर 2020 के एक आदेश सक केंद्र सरकार ने नियुक्ति पत्र को संशोधित किया और उनके दो साल के कार्यकाल को बदलकर तीन साल कर दिया गया था.
केंद्र सरकार ने भारतीय राजस्व सेवा अधिकारी मिश्रा को तीसरी बार एक साल का नया विस्तार दिया था. सरकार द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया कि 1984 बैच के आईआरएस अधिकारी 18 नवंबर, 2023 तक पद पर रहेंगे.
याचिकाकर्ताओं की चुनौती
Congress नेता रणदीप सुरजेवाला जया ठाकुर, TMC नेता महुआ मोइत्रा, साकेत गोयल ने केन्द्र सरकार के इस आदेश के याचिका दायर कर चुनौती दी.
याचिकाकर्ताओं ने ED निदेशक का कार्यकाल 5 साल तक बढ़ाने की शक्ति केंद्र सरकार को देने वाले अध्यादेश को भी चुनौती दी है.
सुप्रीम कोर्ट के सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान सवालों की झड़ी लगाते हुए पूछा था कि क्या ED में कोई दूसरा व्यक्ति नहीं है जो उनका काम कर सके? क्या एक व्यक्ति इतना जरूरी हो सकता है? आप के मुताबिक ईडी में कोई और सक्षम व्यक्ति है ही नहीं? 2023 के बाद इस पद का क्या होगा जब मिश्रा सेवानिवृत्त हो जाएंगे?
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने ईडी निदेशक संजय कुमार मिश्रा को दिए तीसरे सेवा विस्तार पर केंद्र सरकार से पूछा था कि क्या वह इतने जरूरी हैं कि सुप्रीम कोर्ट के मना करने के बावजूद उनका कार्यकाल बढ़ाया जा रहा है.
अदालत ने पूछा था क्या कोई व्यक्ति इतना जरूरी हो सकता है.
केन्द्र का जवाब
पीठ के समक्ष केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि मिश्रा का विस्तार प्रशासनिक कारणों से आवश्यक था और वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) के भारत के मूल्यांकन के लिए महत्वपूर्ण था.
केन्द्र सरकार ने इस मामले में कहा था कि मनी लॉन्ड्रिंग पर भारत के कानून की अगली सहकर्मी समीक्षा 2023 में होनी है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि भारत की रेटिंग नीचे नहीं जाए, प्रवर्तन निदेशालय में नेतृत्व की निरंतरता महत्वपूर्ण है.
कोर्ट की रोक
कोर्ट ने अपने निर्देश में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेशक संजय कुमार मिश्रा के कार्यकाल को 16 नवंबर 2021 से आगे बढ़ाने से रोक दिया था.