कूनो चीता मौत पर सुप्रीम कोर्ट की केंद्र को फटकार, कुछ चीतों को राजस्थान में स्थानांतरित करने का दिया सुझाव
नई दिल्ली: कूनो नेशनल पार्क में तीन चीतों की हुई मौत मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि हाल ही में नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से भारत लाए गए सभी चीतों को केवल मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में क्यों भेजा गया.
समाचार एजेंसी से मिली जानकारी के अनुसार, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की सुनवाई कर रही पीठ ने अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि इतने कम समय में चीतों की मौत की संख्या यह बता रही है कि हालात चिंताजनक हैं.
पिछले सप्ताह दो चीतों की मौत
पिछले सप्ताह दो और चीतों की मौत पर जस्टिस गवई ने तीखे सवाल दागते हुए कहा कि यह प्रतिष्ठा का प्रश्न क्यों बनता जा रहा है? उन सभी को अलग- अलग जगहों पर भेजने के बजाय एक ही स्थान पर क्यों रखा गया? एक साल से भी कम समय में होने वाली 40 फीसदी मौतें अच्छी तस्वीर पेश नहीं कर रही हैं, कोई सकारात्मक कदम उठाने की जरूरत है. अदालत ने कुछ चीतों को राजस्थान में स्थानांतरित करने का मौखिक रूप से सुझाव भी दिया.
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जवाई राष्ट्रीय उद्यान की जिक्र
अदालत ने तेंदुओं के लिए प्रसिद्ध जवाई राष्ट्रीय उद्यान का जिक्र करते हुए कहा कि राजस्थान में अभयारण्यों में से एक (जवाई राष्ट्रीय उद्यान) तेंदुओ के लिए बहुत फेमस है. उदयपुर से 200 किलोमीटर दूर, वहां का दृश्य बहुत अच्छा है और यहां चीतों को भेजा जा सकता है.
जानकारी के लिए आपको बता दें कि हमारे देश में चीतों की आबादी में बढ़ोतरी लाने के लिए सितंबर 2022 में नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से बीस चीतों को भारत में स्थानांतरित किया गया था.
मीडिया में मौजूद खबरों की माने तो इस साल मार्च से अब तक कूनो नेशनल पार्क में तीन शावकों समेत आठ चीतों की मौत हो चुकी है. चीतों की मौत की वजह संक्रमण और उनके बीच हुई लड़ाई को बताया जा रहा है.
कोर्ट ने पूछे सख्त सवाल
खबरों के अनुसार जानवरों के कल्याण से संबंधित 1995 की एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह मुद्दा उठा.
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) ऐश्वर्या भाटी ने अदालत को आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार प्रतिष्ठित चीता स्थानांतरण परियोजना के लिए सभी प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि स्थानांतरण परियोजनाओं में 50 प्रतिशत मौतें दी गईं. जिसपर, न्यायमूर्ति पारदीवाला ने सवाल किया कि मौतें क्यों हो रही हैं? उन्होंने कहा, "तो मुद्दा क्या है? वे हमारी जलवायु के अनुकूल नहीं हैं?
इस केस की अगली सुनवाई की तारीख एक अगस्त तय की गई है. अगली सुनवाई में सभी पक्षों को सुझाव और अद्यतन स्थिति रिपोर्ट के साथ आने के लिए कहा गया.