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अब नहीं लगानी होगी जांच अधिकारी के सामने दो बार हाजिरी! सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की जमानती शर्तों में दी ढ़ील

सुप्रीम कोर्ट ने उसकी जमानती शर्तों में ढ़ील देते हुए सप्ताह में केस के जांच अधिकारी (IO) के सामने दो बार पेश होने के शर्त को हटा दिया है.

Written By My Lord Team | Updated : December 11, 2024 12:53 PM IST

आप नेता मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने उसकी जमानती शर्तों में ढ़ील देते हुए सप्ताह में केस के जांच अधिकारी (IO) के सामने दो बार पेश होने के शर्त को हटा दिया है. मनीष सिसोदिया को राहत मिलने से पहले दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में सप्ताह में दो बार जांच अधिकारी के सामने पेश होना पड़ता था. कोर्ट ने सिसोदिया की नियमित उपस्थिति को स्वीकार किया, जो 60 बार पेश हो चुके हैं. सीबीआई और ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद मनीष सिसोदिया ने अपने खिलाफ सभी आरोपों से इनकार करते हुए दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया.

IO के समाने पेश होने के जमानती शर्तों में छूट

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने यह कहते हुए जमानत शर्तों में ढील दी कि उनकी कोई जरूरत नहीं है. जमानती शर्तों में राहत में देने के बाद पीठ ने इस बात पर जोड़ दिया कि याचिकाकर्ता नियमित रूप से मुकदमे की कार्यवाही में भाग लेंगे. बहस के दौरान मनीष सिसोदिया के वकील ने 22 नवंबर को सुनवाई के दौरान कहा था कि आप नेता सिसोदिया 60 बार जांच अधिकारी के सामने पेश हो चुके हैं.

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इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 22 नवंबर को सिसोदिया की याचिकाओं पर सुनवाई के लिए सहमति व्यक्त की थी तथा केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) एवं प्रवर्तन निदेशालय (ED) को नोटिस जारी कर उनके जवाब मांगे थे.

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क्या है मामला?

इसी साल नौ अगस्त के दिन सुप्रीम कोर्ट ने कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार और धनशोधन के मामलों में सिसोदिया को जमानत दी थी और कहा था कि बिना सुनवाई के 17 महीनों तक सलाखों के पीछे रखने से वह त्वरित सुनवाई के अपने अधिकार (Right to Speedy Trial) से वंचित हो गये. हालांकि, मनीष सिसोदिया को जमानत देते वक्त अदालत ने कुछ शर्ते लगाई थी, जिनमें अनुसार आप नेता को हर सोमवार और बृहस्पतिवार को पूर्वाह्न 10 से 11 बजे के बीच जांच अधिकारी (IO) के समक्ष पेश होना होगा. दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसोदिया को दिल्ली के कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार एवं धनशोधन मामलों में सीबीआई और ईडी ने गिरफ्तार किया था। उन्हें अब रद्द कर दी गई दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 को बनाने और उसे लागू करने में कथित अनियमितताओं के लिए 26 फरवरी, 2023 को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। इसके अगले महीने, नौ मार्च 2023 को ईडी ने उन्हें सीबीआई की प्राथमिकी पर आधारित धनशोधन मामले में गिरफ्तार किया. सिसोदिया ने 28 फरवरी, 2023 को दिल्ली मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने खुद पर लगे आरोपों से इनकार किया है।

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