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Manipur Internet Ban के खिलाफ याचिका को सुनने से Supreme Court ने किया इनकार, दिया ये निर्देश

SC Refuses to Hear Petition against Internet Ban in Manipur

पिछले दो महीने से जातीय हिंसा चल रही है जिसके कारण राज्य में इंटरनेट पर भी रोक लगा दिया गया है। इंटरनेट शटडाउन को चुनौती देने वाली याचिका को सुनने से उच्चतम न्यायालय ने इनकार कर दिया है और उन्हें कुछ निर्देश भी दिए हैं...

Written By Ananya Srivastava | Published : July 6, 2023 3:23 PM IST

नई दिल्ली: याचिकाकर्ताओं ने उच्चतम न्यायालय (Supreme Court of India) में मणिपुर में चल रही हिंसा के कारण हुए इंटरनेट शटडाउन (Internet Shutdown) के खिलाफ याचिका दायर की थी जिसे सुप्रीम कोर्ट ने सुनने से इनकार कर दिया है।

भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud), न्यायाधीश पी एस नरसिम्हा (Justice PS Narsimha) और न्यायाधीश मनोज मिश्रा (Justice Manoj Misra) की पीठ ने मणिपुर में इंटरनेट प्रतिबंध के खिलाफ दायर याचिका को सुनने से मना किया है और याचिकाकर्ताओं से कहा है कि वो पहले मणिपुर उच्च न्यायालय जाएं।

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याचिका की सुनवाई से इनकार करते हुए अदालत ने यह कहा है कि याचिककर्ता को पहले उच्च न्यायालय में जाना चाहिए क्योंकि उच्चतम न्यायालय जैसे ही कोई नोटिस जारी करेगा, हाईकोर्ट इस मामले से पीछे हट जाएगा।

अदालत ने यह भी कहा है कि याचिकाकर्ता को या तो इस मामले से जुड़ी मणिपुर उच्च न्यायालय (Manipur High Court) की कार्यवाही हस्तक्षेप करना चाहिए या फिर उच्च न्यायालय में ही एक नई स्वतंत्र याचिका दायर करनी चाहिय।

इसी के चलते याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका को वापस ले लिया है और अब वो मणिपुर उच्च न्यायालय को अप्रोच करेंगे।

मणिपुर उच्च न्यायालय में पहले से दर्ज है मामला

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मणिपुर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अनिरुद्ध बोस (Justice Aniruddha Bose) और न्यायाधीश राजेश बिंदल (Justice Rajesh Bindal) की अवकाशकालीन पीठ के समक्ष यह मामला पहले से ही दर्ज है और इसलिए उच्चतम न्यायालय ने कार्यवाही करना जरूरी नहीं समझा।

मणिपुर में 3 मई से मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति का स्टेटस देने के मामले पर जातीय हिंसा शुरू हुआ जिसके चलते राज्य में इंटरनेट पर भी बैन लगा दिया गया। कुछ समय पहले ही राज्य में बिना सोशल मीडिया के सीमित इंटरनेट सेवाओं को लागू करने की बात की गई थी और सरकार ने एक समिति का भी गठन किया है जो इस मुद्दे पर काम कर रही है।