मानहानि मामले में केन्द्रीय मंत्री मुरूगन को बड़ी राहत, जानें किन वजहों से सुप्रीम कोर्ट ने रद्द किया मुकदमा
आज यानि की गुरूवार के दिन सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता डॉ एल मुरुगन (Union Minister L Murugan) के खिलाफ डीएमके के ट्रस्ट मुरासोली द्वारा दायर मानहानि के मामले को खत्म कर दिया है. पिछली सुनवाई के दौरान डॉक्टर मुरुगन ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से कहा था कि उनका इरादा किसी की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने या नुकसान पहुंचाने का नहीं था. डॉ मुरुगन की सफाई के बाद मुरासोली ट्रस्ट ने भी कहा था कि वह इस मामले में आगे मुकदमा नहीं चलाना चाहते. दोनों पक्षों की बातों को रिकार्ड में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मानहानि का मुकदमा (Defamation Case) रद्द करने का आदेश दिया है.
राजनीति में अनुचित टिप्पणियों के लिए तैयार रहना चाहिए: SC
पिछली सुनवाई में, सुप्रीम कोर्ट जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने केन्द्रीय मंत्री मुरूगन की मानहानि मुकदमे को खारिज करने की मांग याचिका पर सुनवाई की. मंत्री के खिलाफ यह मुकदमा मुरूगन के सार्वजनिक सभा में दिए बयान के आधार पर एक ट्रस्ट ने दर्ज करवाया था. पीठ ने मुरूगन से पूछा कि क्या वे यह स्वीकार करने के लिए तैयार हैं कि उनकी मानहानि करने की कोई मंशा नहीं थी. इस पर ट्रस्ट के वकील ने आपत्ति जताते हुए कहा कि राजनीति में शामिल व्यक्तियों को जवाबदेह होना चाहिए और उन्हें अनावश्यक टिप्पणियों के लिए तैयार रहना चाहिए.
जस्टिस गवई ने कहा कि राजनीति में शामिल होने पर सभी प्रकार की टिप्पणियों के लिए तैयार रहना चाहिए. अदालत ने मंत्री के बयान पर, जिसमें कहा गया कि मानहानि का कोई इरादा नहीं था, पर ट्रस्ट से मुकदमा जारी रखने पर सुप्रीम कोर्ट ने जवाब मांगा.
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सुप्रीम कोर्ट के पूछने के बाद ट्रस्ट ने अपनी राय बताते हुए कहा कि मुकदमा जारी रखने का उनका कोई इरादा नहीं है. दोनों पक्षों के स्टेटमेंट को रिकार्ड पर रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मानहानि के मुकदमे को रद्द कर दिया है.
क्या था मामला?
मुरुगन द्वारा दिसंबर, 2020 में एक संवाददाता सम्मेलन में कथित मानहानि करने वाले बयानों के खिलाफ चेन्नई स्थित मुरासोली ट्रस्ट ने आपराधिक मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी. केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री मुरुगन ने मद्रास उच्च न्यायालय के पांच सितंबर, 2023 के आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया, जिसमें मानहानि की कार्यवाही को रद्द करने से इनकार कर दिया गया था. शीर्ष अदालत ने मामले पर सुनवाई करते हुए सितंबर 2023 में मुरुगन के खिलाफ आपराधिक मानहानि के मामले में कार्यवाही पर रोक लगा दी थी.