बांद्रा की जमीन जल्द से जल्द बॉम्बे हाईकोर्ट की नई बिल्डिंग के लिए दें, सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को दिया आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से मुंबई हाईकोर्ट के लिए जमीन खाली कराने की मांग की है. शीर्ष अदालत ने नई बिल्डिंग निर्माण के लिए पहली किस्त जारी करने के भी निर्देश दिए. बता दें कि मुंबई बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नितीन ठक्कर ने चिट्ठी लिखकर निर्देश देने की मांग की थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को स्वत: संज्ञान में लिया.
निर्माण को लेकर त्वरित कार्रवाई करें राज्य
सुप्रीम कोर्ट में, सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की. बेंच ने राज्य को दिसंबर,2024 से पहले प्रोजेक्ट के लिए तय की गई जमीन, 9.64 एकड़ को जमीन को खाली कराने का निर्देश दिया है.
बेंच ने कहा,
Also Read
- बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन करने का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट; RJD, TMC सहित इन लोगों ने दायर की याचिका, अगली सुनवाई 10 जुलाई को
- BCCI को नहीं, ललित मोदी को ही भरना पड़ेगा 10.65 करोड़ का जुर्माना, सुप्रीम कोर्ट ने HC के फैसले में दखल देने से किया इंकार
- अरूणाचल प्रदेश की ओर से भारत-चीन सीमा पर भूमि अधिग्रहण का मामला, सुप्रीम कोर्ट ने मुआवजा बढ़ाकर देने के फैसले पर लगाई रोक, केन्द्र की याचिका पर जारी किया नोटिस
"हम महाराष्ट्र सरकार को निर्माण शुरू करने के लिए जमीन की पहली किश्त जारी करने का निर्देश देते हैं. महाराष्ट्र सरकार को पूरी 9.64 एकड़ जमीन सौंपने के लिए दिसंबर 2024 तक इंतजार करने की जरूरत नहीं है."
पिछली सुनवाई में क्या हुआ था?
पिछली सुनवाई में, सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वे गोरेगांव बॉम्बे हाईकोर्ट की नई कॉम्पलेक्स के लिए बहुत बेहतर नहीं है जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को बांद्रा स्थापित करने के निर्देश दिए.
पिछले दौरान सुप्रीम कोर्ट ने माना कि बांद्रा में प्रस्तावित भूमि पर कर्मचारी कॉलोनियां मौजूद हैं, लेकिन उच्च न्यायालय के लिए अतिरिक्त जगह की आवश्यकता होगी. सुप्रीम कोर्ट ने नई बिल्डिंग के निर्माण होने तक पुरानी इमारत की संरचनात्मक और सुरक्षा ऑडिट करना जरूरी होगा. उसी के लिए, न्यायालय ने एक अस्थायी विकल्प के तौर पर केंद्र सरकार के एक प्रतिनिधि, बॉम्बे उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश (सीजे) और महाराष्ट्र के मुख्य सचिव के बीच एक बैठक का निर्देश दिया.
कोर्ट ने हाई कोर्ट सीजे से आर्किटेक्ट की नियुक्ति में तेजी लाने का अनुरोध किया और महाराष्ट्र सरकार को बिना देरी के निर्माण शुरू करने का निर्देश दिया.
मामले में अगली सुनवाई 15 जुलाई को होगी.