पोस्टमार्टम का चालान गायब होने से भड़का सुप्रीम कोर्ट, कहा- अगर ये मिसिंग है तो जरूर कुछ गड़बड़ है
Supreme Court On Missing Post Mortem Challan: कोलकाता डॉक्टर रेप-मर्डर केस में सुप्रीम कोर्ट ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट गायब होने से नाराजगी जताई है. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की कार्रवाई से आपत्ति जताते हुए कहा कि बिना पोस्टमार्टम रिपोर्ट चालान के डॉक्टर ने शव को कैसे रिसीव कर लिया, अगर ये डॉक्यूमेंट्स गायब है तो जरूर इसमें कुछ गड़बड़ है. इस पर बंगाल सरकार की ओर से पेश सीनियर वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि हम हलफनामा के माध्यम से पोस्टमार्टम चालान को रिकार्ड पर रखेंगे.
अगर पोस्टमार्टम चाालान गायब है तो जरूर इसमें जरूर कुछ गड़बड़ है: सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल पुलिस से जताई नाराजगी
सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने मामले की सुनवाई की है. सुनवाई के दौरान एक अन्य वकील ने पोस्टमार्टम व स्वैब को प्रिजर्व करने के फैसले पर सवाल उठाया. उसने कहा कि वजाइना के स्वैब को 19 डिग्री सेल्सियस पर प्रिजर्व करने की जरूरत होती है, जिसे नहीं किया. बहस आगे बढ़ी तो सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि पोस्टमार्टम चालान कहां है? आइये जानते हैं कि ये बहस के दौरान क्या कुछ हुआ?
SG तुषार मेहता: पीएमआर (Post mortem Report) में यह नहीं बताया गया है कि यह किस समय हुआ?
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सिब्बल: उसमें सब कुछ मौजूद है.
एक वकील: वीडियोग्राफी किसने किया? क्या इसे हासिल किया जा सकता है या नहीं? यह उल्लेख किया जाना चाहिए, सभी 3 महिला डॉक्टर लॉबी का हिस्सा हैं. दूसरी लाइन देखें, यह 4 डिग्री सेंटीग्रेड पर होना चाहिए.
सीजेआई: सीबीआई को वास्तविक तलाशी अभियान से संबंधित 27 मिनट की फुटेज सौंपे गए हैं, हम जानना चाहते थे कि क्या आपके पास आरोपियों के हॉल से बाहर जाने के बाद हॉल में और कौन-कौन लोग आए थे, क्या ये सारी सीसीटीवी फुटेज आपके पास है?
वकील: पैर 90 डिग्री के कोण पर पाए गए, ऐसा तभी हो सकता है जब कूल्हे टूटे हों.
सीजेआई: जब शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा जाता है, तो क्या आपके पास वह पत्र है जब शव को पीएमआर के लिए भेजा गया?
सीजेआई: हमने एक डॉक्यूमेंट की पुष्टि की है, क्या आपके पास यह है?
सिब्बल: मुझे वो डॉक्यूमेंट तुरंत नहीं मिल रहा.
सीजेआई: क्योंकि जब पीएमआर के बाद शव भेजा जाता है, तो केवल जांच करने वाले डॉक्टर ही इसे देखते हैं, शव के लिए भरा गया चालान कहां है, सीबीआई इसे हमें दे दे.
एसजी: वे डॉक्यूमेंट में हमें दी गई फाइल में नहीं है,
सीजेआई: जब शव को पीएमआर के लिए दिया जाता है तो चालान होता है?
सीजेआई: इस फॉर्म में एक कॉलम भी है जिसमें टिप्पणी की गई है कि जब्त किए गए कपड़े और अन्य चीजें पीएमआर करने वाले डॉक्टरों को भेजी गई है.
एसजी: सीबीआई को भेजी गई फाइल में यह नहीं है, लेकिन मेरे मित्र के तर्क से ऐसा लगता है कि यह मौजूद है.
वकील: चालान के बिना डॉक्टर पीएमआर नहीं कर सकते.
सिब्बल ने चालान को रिकॉर्ड पर रखने के लिए समय देने को कहा.
सिब्बल: मुझे बताया गया कि सीजेएम ने आकर खुद ही चालान भरा, कोई अलग फॉर्म नहीं था.
सीजेआई: क्या फॉर्म भरे बिना ही पोस्टमार्टम कर दिया गया?
जेबी पारदीवाला: पुलिस के पास चालान होना चाहिए, अगर ये नहीं होता है ये हमें भविष्य में स्पष्टीकरण मांगने पर मजबूर होना पड़ेगा,
कपिल सिब्बल ने जवाब दिया कि हम इसे हलफनामा के माध्यम से अदालत के रिकार्ड पर रखेंगे.
पूरा मामला क्या है?
आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर की रेप-मर्डर की घटना को सुप्रीम कोर्ट ने 18 अगस्त के दिन स्वत: संज्ञान में लिया था. सुप्रीम कोर्ट में आज तीसरी सुनवाई हुई. आज की सुनवाई का मुख्य उद्देश्य डॉक्टर की सुरक्षा व ड्यूटी पर लौटने, सीबीआई की अब तक की जांच की स्टेटस रिपोर्ट और सीआईएसएफ अधिकारियों को राज्य द्वारा रहने की सुविधाएं उपलब्ध कराने को लेकर चर्चा हुई.