भवानी रेवन्ना की अग्रिम जमानत को चुनौती, याचिका लेकर कर्नाटक SIT पहुंची सुप्रीम कोर्ट, नोटिस भी जारी
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कर्नाटक एसआईटी द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया जिसमें सेक्स वीडियो मामले में मुख्य आरोपी और निलंबित जेडी(एस) सांसद प्रज्वल रेवन्ना की मां भवानी रेवन्ना को दी गई अग्रिम जमानत रद्द करने की मांग की गई है. कर्नाटक एसआईटी ने अग्रिम जमानत मामले में मद्रास हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है.
IANS की रिपोर्ट के मुताबिक, काफी मान-मनौव्वल के बाद जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने विशेष अनुमति याचिका की जांच करने पर सहमति जताई और इस मामले में पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा की बहू भवानी रेवन्ना से जवाब मांगा.
बेंच, जिसमें जस्टिस उज्ज्वल भुइयां भी शामिल थे, ने एसआईटी का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल से प्रज्वल रेवन्ना की मां की भूमिका के बारे में सवाल किया. जवाब में वरिष्ठ वकील सिब्बल ने कहा कि पीड़िता ने दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 164 के तहत दर्ज अपने बयान में उसके अपहरण में भवानी रेवन्ना की भूमिका का वर्णन किया है.
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सर्वोच्च न्यायालय ने टिप्पणी करते हुए कहा कि यह याचिका एक महिला की स्वतंत्रता से संबंधित है, जिसका अपराध परीक्षण के दौरान निर्धारित किया जाना है, तथा आगाह किया कि इस मामले का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए. 18 जून को कर्नाटक उच्च न्यायालय ने सेक्स वीडियो कांड से जुड़े अपहरण मामले में भवानी रेवन्ना की अग्रिम जमानत याचिका को अनुमति दे दी थी.
अग्रिम जमानत देने की शर्त के रूप में, उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति कृष्ण एस दीक्षित की अध्यक्षता वाली पीठ ने मैसूरु और हासन जिलों में उनके प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया.
अपहरण मामले में पीड़ित मैसूरु जिले की रहने वाली है तथा हासन भवानी रेवन्ना का गृह जिला है. अपने आदेश में, कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कहा कि भवानी रेवन्ना ने पुलिस द्वारा पूछे गए 85 प्रश्नों के उत्तर दिए हैं, इसलिए, जांच में उनके असहयोग के तर्क को स्वीकार नहीं किया जा सकता. भवानी रेवन्ना वर्तमान में एक नौकरानी के अपहरण मामले के संबंध में विशेष जांच दल (एसआईटी) के समक्ष पेश हो रही हैं, जिसने प्रज्वल रेवन्ना और उनके पति जेडी(एस) विधायक एचडी रेवन्ना पर कथित यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं.