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'अदालत कानून का पालन नहीं कर रहा', हलफनामा में IAS अधिकारी का दावा, बात SC को रास नहीं आई

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सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार के राजस्व एवं वन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश कुमार को अदालत की अवमानना कार्रवाई के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया. शीर्ष न्यायालय ने आईएएस के हलफनामा में लिखे वाक्य, अदालत कानून का पालन नहीं कर रहा है, से आपत्ति जताई है.

Written By Satyam Kumar | Published : August 28, 2024 4:16 PM IST

28 अगस्त को यानि आज सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार के राजस्व एवं वन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश कुमार को अदालत की अवमानना कार्रवाई के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया. शीर्ष न्यायालय ने आईएएस के हलफनामा में लिखे वाक्य, अदालत कानून का पालन नहीं कर रहा है, से आपत्ति जताई है. अदालत ने कहा कि आईएएस के ये बयान अदालत की अवमानना को आकर्षित करते हैं. अदालत ने आईएएस अधिकारी को अगली सुनवाई में हाजिर रहने को कहा है.

'ये किस तरह का IAS है', सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की खंडपीठ एक मामले की सुनवाई कर रही थी, जिसमें उसने महाराष्ट्र राज्य को उन आवेदकों को उचित मुआवजा देने का निर्देश दिया था, जिनकी भूमि को राज्य ने अधिग्रहित किया था.

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अदालत ने कहा,

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"आवेदक और साथ ही यह अदालत कलेक्टर द्वारा तय की गई राशि को स्वीकार नहीं कर सकता. हालांकि, कानून के प्रावधानों का पालन करना और उचित राशि  तय करना राज्य का एक अनिवार्य कर्तव्य है."

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अदालत ने कहा कि राज्य का मुआवजा तय करना एक मनमौजी फैसला लगता है. इस दौरान अदालत में हलफनामा सामने लाया गया, जिस सुप्रीम कोर्ट ने आश्चर्य जाहिर करते हुए कि इसे पढ़कर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि अदालत नियमों का पालन नहीं कर रही है. जब अदालत को बताया गया कि ये हलफनामा राजस्व विभाग के मुख्य सचिव ने लिखी है,

तो जस्टिस बीआर गवई ने कहा,

"ये किस तरह का आईएएस है."

सुप्रीम कोर्ट ने आईएएस के रवैये से नाराजगी जाहिर करते हुए उसे अगली सुनवाई में अदालत में हाजिर रहने को कहा है.

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भूमि अधिग्रहण मामले में, पिछली सुनवाई में, महाराष्ट्र सरकार को फटकार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य के पास मुआवजे के पैसे नहीं है लेकिन फ्रीबीज के लिए है.