Supreme Court में उमर खालिद की जमानत याचिका टली ; दिल्ली दंगे के दौरान हुई थी गिरफ्तारी
सुप्रीम कोर्ट ने उमर खालिद की जमानत याचिका में सुनवाई को अगले तारीख तक बढ़ा दी. इस मामले में अब तक ग्यारहवीं बार सुनवाई टली. उमर खालिद को दिल्ली दंगे के दौरान गिरफ्तार किया गया.
जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मित्तल की बेंच ने जमानत याचिका को 31 जनवरी के लिए सूचीबद्ध किया है.
वहीं, उमर का पक्ष रख रहे सीनियर एडवोकेट सीयू सिंह ने कहा,
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"हम सुनवाई के लिए तैयार है. दुर्भाग्य से, यह बेंच दोपहर के भोजन के बाद उठ रही है. यह एक जमानत याचिका है. "
जबाव में कोर्ट ने उमर खालिद की जमानत याचिका को 31 जनवरी के लिए सूचीबद्ध किया.
वकीलों ने आपसी सहमति से मांगा स्थगण
इससे पहले, 10 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. और इस दौरान कोर्ट ने दोनों पक्षों के अनुरोध पर अंतिम स्थगण दिया था. वहीं, कोर्ट मामले को 17 जनवरी के लिए सूचीबद्ध करने वाली थी, जब उमर खालिद का पक्ष रख रहे कपिल सिब्बल ने बताया कि इस दिन वह अन्य मामले में संविधान पीठ के समक्ष होगें.
कपिल सिब्बल के अनुरोध पर जस्टिस मित्तल ने कहा. जब कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार है, तो याचिकाकर्ता का पक्ष रख रहे वकील स्थगण की मांग कर रहे है. ध्यान रहे कि कोर्ट के खिलाफ यह धारणा न बनें, कि वह इस जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार नहीं है.
तब, मामले को 17 जनवरी की जगह 24 जनवरी के लिए सूचीबद्ध किया गया. और आज फिर इसे 31 जनवरी तक स्थगित कर दिया गया है.
क्या है पूरा मामला?
एक्टिविस्ट और पूर्व छात्र नेता उमर खालिद दिल्ली पुलिस ने सितंबर, 2020 में गिरफ्तार किया. उमर पर साजिश, दंगा, गैरकानूनी रूप से भीड़ जुटाने के साथ-साथ गैरकानूनी गतिविधि एक्ट (यूएपीए) सहित कई अन्य अपराधों के आरोप लगे हैं.
मार्च, 2022 के दिन कड़कड़डूमा अदालत ने उमर खालिद को जमानत देने से मना कर दिया. उमर खालिद ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी. दिल्ली हाईकोर्ट ने भी उमर को राहत देने से मना कर दिया. जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया.