Bilkis Bano case में दोषियों को जाना होगा जेल; Supreme Court ने रद्द की याचिका
सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court) ने बिल्किस बानो केस में दोषियों की सरेंडर की समय सीमा बढ़ाने वाली याचिका को खारिज कर दिया. बिल्किस बानो केस (Bilkis Bano Case) के 11 दोषियों ने सरेंडर करने के लिए दो हफ्ते से अधिक समय की मांग की थी. जिसे कोर्ट ने सख्ती से मना कर दिया.
दोषियों की याचिका खारिज
जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने शुक्रवार (19 जनवरी, 2024) को मामले में सुनवाई की. और गुजरात सरकार द्वारा दोषियों को मिली रिहाई को रद्द कर, सभी 11 दोषियों को संबंधित जेल अधिकारियों के सामने सरेंडर करने को कहा. सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की याचिका खारिज कर कहा, कि दोषियों ने सरेंडर की समय सीमा बढ़ाने के लिए जो कारण दिए, उस से हम संतुष्ट नहीं है. फैसले के बाद सभी दोषियों संबंधित जेल अधिकारी के सामने सरेंडर करना होगा. उन्हें ऐसा 21 जनवरी से पहले करना होगा.
Also Read
- CJI पर जूता फेंकने वाले वकील की बढ़ी मुश्किलें, AG ने 'अवमानना' की कार्यवाही शुरू करने की इजाजत दी
- दिवाली पर Delhi-NCR के लोग फोड़ सकेंगे पटाखें, इन शर्तों के साथ सुप्रीम कोर्ट ने दी ये इजाजत
- बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए अंतरिम जमानत की मांग, शरजील इमाम ने Delhi Court से याचिका वापस ली, अब सुप्रीम कोर्ट जाएंगे
फैसला गुजरात की सीमा से बाहर
बिल्किस बानो केस में 11 लोगों को उम्र कैद (Life Imprisionsment) की सजा मिली है. इन दोषियों को 14 साल जेल में पूरा होने पर, गुजरात सरकार ने 1992 की छूट नीति (Remission Policy, 1992) के तहत जेल से रिहा कर दिया. इस सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह केस (Case) महाराष्ट्र राज्य से जुड़ा है. और इस में गुजरात राज्य कोई फैसला नहीं ले सकती है. सभी दोषियों को 21 जनवरी से पहले संबंधित जेल में सरेंडर करना होगा.
दो सप्ताह के भीतर करें सरेंडर
8 जनवरी, 2024 को सुनवाई में कोर्ट ने दोषियों को दो सप्ताह के अंदर ऐसा करने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई दो सप्ताह की समय-सीमा 21 जनवरी, 2024 को पूरी हो जाएगी. ऐसे में रेप केस (Rape Case) के तीन दोषियों ने सरेंडर करने के लिए अधिक समय की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
घटना साल, 2002 की है, जब गुजरात दंगे के दौरान एक गर्भवती महिला, बिल्किस बानो के साथ रेप और उसके परिवार के अन्य सदस्यों की हत्या कर दी गई. इस मामले गोविंदभाई नाई एवं 10 अन्य को अभियुक्त बनाया गया, और कोर्ट ने इन्हें इस मामले का दोषी पाया.