Supreme Court ने धन की हेराफेरी मामले में TMC के साकेत गोखले को दी जमानत
नई दिल्ली: मोरबी हादसे के बाद पीएम मोदी के खिलाफ टिप्पणी से चर्चा में आए सामाजिक कार्यकर्ता साकेत गोखले को ऑनलाइन माध्यम से एकत्रित किए गए धन में हेराफेरी के मामले में Supreme Court ने जमानत दे दी है.
Gujrat High Court ने साकेत गोखले की ओर से दायर जमानत याचिका को खारिज कर दिया था, हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी.
13 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने गोखले की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को नोटिस जारी किया था. गुजरात सरकार की ओर से जवाब पेश किए जाने के बाद सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई की.
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Justice B R Gawai और Justice Vikram Nath की पीठ ने गुजरात सरकार के जवाब के बाद सोमवार को मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि चूकि इस मामले में चार्जशीट पहले ही दायर की जा चुकी है ऐसे में वह जमानत स्वीकार करने का इच्छुक है.
साकेत गोखले के अधिवक्ता ने सोमवार को पीठ के समक्ष कहा कि वह 108 दिनों से जेल में हैं और मामले में कोई जांच बाकी नही है.
वही इस मामले में गुजरात सरकार की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने अर्जी का विरोध किया.
High Court ने की थी खारिज
गुजरात हाईकोर्ट ने ऑनलाइन माध्यम से एकत्रित किए गए धन में हेराफेरी के मामले में गोखले की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था.
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि गोखले के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला बनता है. हाईकोर्ट ने कहा था कि गवाहों के बयानों के अनुसार, उसने न केवल शिकायतकर्ता की पत्नी से बल्कि 1,767 व्यक्तियों से भी ऑनलाइन पैसे प्राप्त किए.
धन की हेराफेरी
गौरतलब है कि 28 दिसंबर, 2022 को गुजरात सरकार के एक उप सचिव ने गोखले के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उनकी पत्नी ने टीएमसी नेता द्वारा शुरू की गई क्राउडफंडिंग में योगदान के रूप में कुछ राशि का भुगतान किया था.
शिकायत में यह आरोप लगाया गया था कि गोखले ने आनलाईन माध्यम से एकत्रित की राशि में हेराफेरी की है.गोखले पर आरोप लगाया गया कि गोखले ने अपने निजी खर्चों के लिए धन की हेराफेरी की हैं, जबकि इन पैसों का इस्तेमाल गरीब लोगों के कल्याण के लिए किया जाना था.
शिकायत के आधार पर गोखले को अहमदाबाद साइबर क्राइम ब्रांच ने 30 दिसंबर को क्राउडफंडिंग के माध्यम से एकत्र किए गए धन के कथित दुरुपयोग के मामले में दिल्ली से गिरफ्तार किया था.
इस मामले में अहमदाबाद की सत्र अदालत ने गोखले को जमानत देने से इनकार कर दिया था. जिसके बाद गुजरात हाईकोर्ट ने भी गोखले की जमानत याचिका को खारिज कर दिया.
सुप्रीम कोर्ट में दायर अपील में गोखले की ओर से पैरवी करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि उन्हे राजनीतिक प्रतिशोध का शिकार बनाया गया है और जानबूझकर निशाना बनाया गया है.
मोरबी हादसे के बाद आए चर्चा में
तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और ममता बनर्जी के करीबी साकेत गोखले को गुजरात पुलिस द्वारा एक ही दिन में दो बार गिरफ्तार किया गया था.
गोखले पर मोरबी हादसे पर प्रधानमंत्री मोदी के बारे में गलत खबर फैलाने का भी आरोप लगा था. अक्तूबर 2022 में मोरबी शहर में ब्रिज के टूटने के कारण कुल 135 लोगों की मौत हो गई थी जिसमें 55 बच्चे भी शामिल थे.
गोखले को पहली बार पिछले साल 6 दिसंबर को सूचना के अधिकार (आरटीआई) प्रतिक्रिया की एक समाचार क्लिपिंग के लिए गिरफ्तार किया गया था, जिसे उन्होंने ट्विटर पर साझा किया था, जिसमें कहा गया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मोरबी यात्रा से पहले ₹30 करोड़ की राशि खर्च की गई थी.
हालांकि, उन्हें इस मामले में 8 दिसंबर को जमानत मिल गई थी. जैसे ही वह रिहा हुआ, उसे धन की हेराफेरी के मामले में अहमदाबाद पुलिस के साइबर सेल द्वारा तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया.