केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से मिली अंतरिम जमानत, अब ED की गिरफ्तारी की अनिवार्यता पर बड़ी बेंच करेगी विचार
शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला अरविंद केजरीवाल की ED की गिरफ्तारी को चुनौती देनेवाली याचिका पर फैसला आया है. ED की गिरफ्तारी की वैधता पर विचार करने के लिए डिवीजन बेंच ने इस मामले को बड़ी पीठ के पास के भेजा है. अरविंद केजरीवाल को जमानत ED की गिरफ्तारी से जुड़ी मामले में मिली है. वहीं सीबीआई द्वारा की गई गिरफ्तारी के चलते उन्हें न्यायिक हिरासत में ही रहना पड़ेगा.
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस दीपंकर दत्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की डिवीजन बेंच ने केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी है. वहीं ED की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका को आगे की सुनवाई के लिए बड़ी बेंच के पास भेजा है. बड़ी बेंच इस प्रश्न की जांच करेगी कि क्या गिरफ्तारी की आवश्यकता या अनिवार्यता को धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 19 में एक शर्त के रूप में माना जाएगा या नहीं.
जस्टिस खन्ना ने कहा,
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"गिरफ्तारी पीएमएलए की धारा 19 के तहत 'विश्वास करने के कारणों' के मापदंडों को पूरा करती है."
हालांकि, पीठ ने अब तक की स्थिति को देखते हुए उसे अंतरिम जमानत देने का फैसला किया. पीठ ने स्पष्ट किया कि अंतरिम जमानत के सवाल को बड़ी पीठ द्वारा संशोधित किया जा सकता है. 17 मई, 2024 को इसी मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखने के बाद जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने आज अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी है.
क्या है मामला?
21 मार्च को ED ने केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया था. उसके बाद वे तब तक हिरासत में हैंं, जब तक कि 10 मई को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अंतरिम रिहाई (लोकसभा चुनावों के उद्देश्य से) का लाभ नहीं दे दिया. इसकी अवधि 2 जून को समाप्त हो गई. अब सुप्रीम कोर्ट ने दोबारा से अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी है. वहीं, ED की गिरफ्तारी की वैधता पर आगे की सुनवाई बड़ी बेंच करेगी.