सुप्रीम कोर्ट ने गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी जीवा की पत्नी की याचिका का निपटारा किया
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने अपराधी से नेता बने मुख्तार अंसारी के सहयोगी संजीव माहेश्वरी जीवा की पत्नी की याचिका का शुक्रवार को निपटारा कर दिया.
न्यूज एजेंसी भाषा के अनुसार, जीवा की पत्नी पायल माहेश्वरी ने अपने पति को पुलिस सुरक्षा प्रदान करने संबंधी याचिका खारिज किए जाने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी थी. जीवा की इस महीने की शुरुआत में लखनऊ अदालत परिसर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
मृत व्यक्ति के लिए राहत की मांग
भाषा के अनुसार, न्यायमूर्ति ए एस ओका और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि इस मामले में अब कुछ नहीं बचा है. पीठ ने कहा, "अब आप किसके लाभ के लिए राहत मांग रही हैं? आप उस व्यक्ति के लाभ के लिए राहत मांग रही हैं, जो अब नहीं है."
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अदालत ने कहा, "भले ही (उच्च न्यायालय के) इस आदेश को रद्द कर दिया जाए, फिर भी क्या अदालत आपको वह राहत दे सकती हैं जो उच्च न्यायालय के समक्ष मांगी गई थी?" शीर्ष अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता ने अपने पति के हित के लिए उच्च न्यायालय से राहत मांगी थी, जो अब मर चुका है.
गोली मारकर हुई थी
पीठ ने कहा, "अब यह स्वीकृत स्थिति है कि याचिकाकर्ता का पति अब (जीवित) नहीं है. इसलिए, इस एसएलपी (विशेष अनुमति याचिका) में कोई राहत नहीं दी जा सकती. तदनुसार, एसएलपी का निपटारा किया जाता है."
लखनऊ जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे जीवा (48) की उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी जब उसे एक मामले में सुनवाई के लिए लखनऊ की अदालत में लाया गया था.
न्यायालय ने नौ जून को एक आपराधिक मामले में अग्रिम जमानत की मांग करने वाली जीवा की पत्नी की एक अलग याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया था. शीर्ष अदालत ने कहा था कि जीवा का अंतिम संस्कार पहले ही हो चुका है और मामले में कोई जल्दबाजी नहीं है.