Vande Bharat को केरल के तिरूर में रोकने का निर्देश देने के अनुरोध वाली याचिका SC ने की खारिज
नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को वह जनहित याचिका खारिज कर दी, जिसमें केंद्र सरकार को यह निर्देश देने का आग्रह किया गया था कि वंदे भारत ट्रेन केरल के तिरूर रेलवे स्टेशन पर रोकी जाए।
न्यूज़ एजेंसी भाषा के अनुसार, प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा ने पीटी शीजीश की याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए कहा कि यह मामला सरकार के नीतिगत क्षेत्र के तहत आता है।
प्रधान न्यायाधीश की पीठ ने कहा, “आप चाहते हैं कि वंदे भारत तिरुर में रुके। हम उसे (सरकार को) निर्देश नहीं देंगे। यह कार्यपालिका के नीतिगत क्षेत्र के अंतर्गत आता है। याचिका खारिज की जाती है।”
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शीर्ष अदालत ने कहा, "आप चाहते हैं कि हम तय करें कि किस ट्रेन का स्टॉपेज होना चाहिए। अब हम दिल्ली से मुंबई राजधानी तक के स्टेशनों पर भी निर्णय लेंगे। क्षमा करें, खारिज कर दिया गया है।"
साथ ही, अदालत ने रेलवे अधिकारियों के समक्ष एक प्रतिवेदन के रूप में याचिका दायर करने की अनुमति देने से भी इनकार कर दिया और कहा कि इसका मतलब यह होगा कि "हमने आपकी याचिका में कुछ गुण देखे हैं।”
सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपील में कहा कि वंदे भारत के लिए भारतीय रेलवे द्वारा शुरू में घोषित ट्रेन स्टॉप के पहले कार्यक्रम के अनुसार, तिरुर रेलवे स्टेशन को मलप्पुरम जिले में यात्रियों के लिए एक स्टॉप आवंटित किया गया था।
आपको बता दें की तिरुर केरल के मलप्पुरम जिले का एक प्रमुख रेलवे स्टेशन है और दक्षिणी रेलवे के प्रशासनिक क्षेत्र के अंतर्गत आता है। वंदे भारत एक्सप्रेस भारतीय रेलवे द्वारा संचालित छोटी दूरी की ट्रेन सेवा है।
इसके पहले शीर्ष अदालत के समक्ष याचिका में केरल उच्च न्यायालय के 2 मई के फैसले को चुनौती दी गई थी, जिसमें इस तरह की प्रार्थना को खारिज कर दिया गया था।