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जाति व्यवस्था के पुनर्वर्गीकरण हेतु दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने किया खारिज, लगाया जुर्माना

Re Classification of Caste System Phasing out of Reservations PILs Rejected by SC Costs Imposed on Petitioner

अधिवक्ता सचिन गुप्ता ने 'जाति व्यवस्था के पुनर्वर्गीकरण' और 'आरक्षण व्यवस्था को खत्म करने' हेतु सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दायर की जिन्हें अदालत ने खारिज कर दिया। याचिकाकर्ता पर दोनों याचिकाओं को दायर करने के लिए जुर्माना भी लगाया गया है

Written By Ananya Srivastava | Published : July 4, 2023 3:35 PM IST

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय में आए एक मामले में मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ (Chief Justice of India DY Chandrachud) की अध्यक्षता वाली पीठ ने जाति व्यवस्था के पुनर्वर्गीकरण (Re Classification of Caste System) हेतु दायर याचिका को खारिज कर दिया है और याचिकाकर्ता पर जुर्माना भी लगाया है।

SC ने खारिज की याचिका, लगाया जुर्माना

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अधिवक्ता सचिन गुप्ता ने अदालत एन एक जनहित याचिका (PIL) दायर की है जिसमें उन्होंने भारत में जाति व्यवस्था के पुनर्वर्गीकरण की मांग की है। इस याचिका पर जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि इस तरह की जनहित याचिकाएं अदालती प्रक्रिया का दुरुपयोग हैं; साथ ही, सीजेआई ने इसपर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाने का प्रस्ताव दिया।

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इस याचिका को खारिज करते हुए कोर्ट ने याचिकाकर्ता, अधिवक्ता सचिन गुप्ता को यह निर्देश दिया कि वो सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) को 25 हजार रुपये जुर्माना दें।

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सचिन गुप्ता की एक और याचिका हुई रद्द

बता दें कि सचिन गुप्ता की जाति व्यवस्था के पुनर्वर्गीकरण की याचिका को सर्वोच्च न्यायालय ने रद्द किया ही है, साथ ही, इस अधिवक्ता ने एक और याचिका दायर की थी। इस दूसरी याचिका में भारत की वर्तमान आरक्षण व्यवस्था (Reservation System) को धीरे-धीरे खत्म करके उसे एक दूसरी वैकल्पिक विधि से रिप्लेस करने की मांग की गई।

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इस याचिका को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पी एस नरसिम्हा की पीठ ने खारिज किया और याचिकाकर्ता पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। यह पैसे याचिककर्ता को सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट वेलफेयर फंड में जमा करना होंगे और अदालत ने आदेश दिया है कि इस पेमेंट की रिसीट दो हफ्तों के अंदर उनके समक्ष आ जानी चाहिए।