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Supreme Court ने BJP MLA राजा सिंह की रैलियों पर रोक लगाने से किया इनकार; जिलाधिकारी रैली स्थल पर सुनिश्चित करें सीसीटीवी

सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा विधायक टी राजा सिंह के रैलियों पर रोक लगाने के लिए आवेदन को सुना. और मामले में निर्देश देते हुए रैलियों वाले जगहों पर सीसीटीवी लगाने की बात कहीं. हालांकि, कोर्ट ने रैलियों पर रोक लगाने से मना कर दिया.

Written By arun chaubey | Published : January 17, 2024 5:15 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (17 जनवरी, 2024) ने हिंदू जनजागृति समिति और भारतीय जनता पार्टी के विधायक टी राजा सिंह (MLA T Raja Singh) के रैलियों में नफरत भरे भाषणों पर चितां जाहिर की है. सुप्रीम कोर्ट ने मामले में यवतमाल, महाराष्ट्र और रायपुर, छत्तीसगढ़ के जिला मजिस्ट्रेटों को 'उचित कदम' उठाने का निर्देश दिये हैं.

वहीं, भाजपा विधायक टी राजा सिंह की रैलियों पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने इंकार किया है. साथ ही संबंधित जिलाधिकारियों को रैली के दौरान रिकार्डिंग सुविधा के साथ सीसीटीवी(CCTV) लगाने का जिक्र किया है, जिससे भाषण के दौरान कोई अनहोनी घटित हो, तो सीसीटीवी की मदद से अपराधियों को पकड़ा जा सके.

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राजा सिंह के रैलियों पर लगे रोक

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जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपंकर दत्ता की बेंच(Bench), शाहीन अब्दुल्ला बनाम भारत संघ एवं अन्य (Shaheen Abdullah v. Union of India & Ors.) मामले में अंतरिम आवेदन पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें अधिकारियों को हिंदू जनजागृति समिति और भारतीय जनता पार्टी द्वारा यवतमाल (18 जनवरी को) और रायपुर (19 जनवरी से 25 जनवरी तक) में प्रस्तावित रैलियों की अनुमति देने से मना करने की मांग की गई थी. इस आवेदन में तेलंगाना विधान सभा के भाजपा विधायक टी राजा सिंह के पहले भाषण के अंश भी मौजूद थे.

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भाषणों में नफरत के सुर: कपिल सिब्बल

आवेदक शाहीन अब्दुल्ला की तरफ से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल (Advocate Kapil Sibbal) ने कहा कि विधायक टी राजा सिंह ने अतीत में भड़काऊ भाषण भी दिए है, जिससे विवाद उत्पन्न हुए है. साथ ही इस आवेदन पर अदालत से तुरंत हस्तक्षेप करने का आग्रह किया. कपिल सिब्बल ने कहा कि भाजपा विधायक के खिलाफ इस विषय पर कई एफआईआर(FIR) हो चुके हैं, फिर भी उनके नफरत भरे भाषणों में कोई कमी नहीं आई हैं.

कपिल सिब्बल के तर्कों को सुनकर जस्टिस खन्ना ने कहा कि मैंने आवेदन में सम्मिलित किए गए भाषणों को पढ़ा. यह निश्चित रूप से आपत्तिजनक है. हालांकि नफरत भरे भाषणों को लेकर भाजपा विधायक पर एफआईआर दर्ज होने के बाद आपराधिक न्याय मशीनरी के सक्रिय हो जाने से अपने स्तर से न्यायिक राहत देने में अनिच्छा व्यक्त की.

भाजपा MLA को मिली राहत

जब सिब्बल ने दोबारा दोहराया कि एफआईआर के बावजूद आरोपी के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. इस पर न्यायमूर्ति खन्ना ने जबाव देते हुए कहा कि मामले में कोर्ट ने पहले ही निर्देश जारी कर दिया है, जिसमें रैली वाली जगह पर सीसीटीवी कैमरे लगाना शामिल हैं. और जहां तक जुलूसों का सवाल है, हम उसे रोकने नहीं जा रहे हैं.