Advertisement

Electoral Bond Scheme: किस पार्टी को कितना मिला चंदा, Supreme Court के फैसले से खुला ये रहस्य

सुप्रीम कोर्ट में इलेक्टोरल बॉन्ड योजना की वैधता पर सुनवाई के दौरान रूलिंग पार्टी की फंडिग में बेशुमार बढ़ोत्तरी होने की बात सामने आई है.

Written By My Lord Team | Published : February 16, 2024 2:26 PM IST

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के इलेक्टोरल बॉन्ड योजना की वैधता पर सुनवाई कर रही थी. सुनवाई के दौरान योजना के लागू (साल 2017-18) होने के बाद किस पार्टी को कितना बेनामी चंदा मिला है, इससे जुड़ी जानकारी सामने आई. ये बातें हैरान करनेवाली हैं.

बेनामी चंदे से पार्टियों की निकली चांदी

इलेक्टोरल बॉन्ड्स योजना (Electoral Bond Scheme)  को एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (Association For Democratic Reforms) ने चुनौती देते हुए याचिका दायर की. याचिका में इस संस्था ने बेनामी रूप से मिले चंदे के बारे में एक डेटा दिया, जिसमें इलेक्टोरल बॉन्ड्स के जरिए सभी राजनीतिक पार्टी को मिले चंदे का ब्यौरा है. ये ब्यौरा चुनाव आयोग की बेवसाइट पर उपलब्ध डेटा के आधार पर दिया गया है. 

Advertisement

BJP निकली सबसे आगे

ऑडिट रिपोर्ट (Audit Report) में छह सालों में राजनीतिक पार्टी को मिले चंदे का ब्यौरा है. ब्यौरे में बताया है. बीजेपी को राजनीतिक दलों में सबसे ज्यादा फंडिग मिली है. बीजेपी को इलेक्टोरल बॉन्ड्स से करीब 6,566 रूपये करोड़ रूपये मिले है. 

Also Read

More News

इस मामले में, दूसरे नंबर कांग्रेस है. कांग्रेस को 1,123 करोड़ रूपये की फंडिग मिली. तीसरे नंबर, ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी (TMC) है. पार्टी को 1,092 करोड़ रूपये मिले हैं. वहीं, सीपीआई (एम) ने इलेक्टोरल बॉन्ड्स से एक रूपये भी नहीं लिए है.

Advertisement

इलेक्टोरल बॉन्ड्स से रूलिंग पार्टी को फायदा

इलेक्टोरल बॉन्ड मामले को सुन रहीं बेंच ने आकलन किया कि इलेक्टोरल बॉन्ड्स से सबसे ज्यादा फायदा रूलिंग पार्टी को ही होगी. इस बेंच में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा शामिल थे.

जस्टिस खन्ना ने कहा,

"उपलब्ध डेटा से यह स्पष्ट है. इलेक्टोरल बॉन्ड्स से सबसे ज्यादा फायदा रूलिंग पार्टी को हुआ है, चाहे वह राज्य में हो या केन्द्र में."

बेंच के समक्ष रखे गए डेटा से कई  बातें सामने आई.

पहला, इलेक्टोरल बॉन्ड्स से सबसे ज्यादा रूलिंग पार्टी को फायदा मिलना. 

दूसरा, राजनीतिक पार्टियों की कुल आय का 58 % इलेक्टोरल बॉन्ड्स से प्राप्त हुआ. 

तीसरा, इलेक्टोरल योजना के लागू होने से पहले बेनामी स्त्रोत से मिलने वाली 3,864 करोड़ रूपये (साल 2014-15 से साल 2016-17 तक) से बढ़कर 11,829 करोड़ रूपये तक पहुंच गई. ये आंकड़ा साल 2018-19 से साल 2021-22 के दौरान बढ़ा. 

चौथा, बेनामी स्त्रोत से प्राप्त चंदे कुल आय में 66% (साल 2014-15 से साल 2016-17) की भागीदारी बढ़कर 72 % (साल 2018-19 से साल 2021-2022) तक हुई है.