Advertisement

Supreme Court Collegium ने Bombay High Court के लिए तीन अधिवक्ताओं के नाम की कि सिफारिश, गुवाहाटी के जस्टिस रॉबिन फुकन होंगे स्थायी

Supreme Court collegium ने Bombay High Court के अधिवक्ता Firdosh Phiroze Pooniwalla के मामले में आईबी की कुछ आपत्तियों को दरकिनार किया है.

Written By Nizam Kantaliya | Published : May 3, 2023 11:11 AM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने बॉम्बे हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति के लिए तीन अधिवक्ताओं के नाम की सिफारिश की है.

सीजेआई डी वाई चन्द्रचूड़ की अध्यक्षता में हुई कॉलेजियम की बैठक ने अधिवक्ता शैलेश प्रमोद ब्रह्मे, फिरदोष फिरोज पूनीवाला और जितेंद्र शांतिलाल जैन के नाम की सिफारिश की है.

Advertisement

मंगलवार को हुई इस बैठक के सीजेआई के साथ ही जस्टिस एस के कौल और जस्टिस के एम जोसेफ शामिल रहे.

Also Read

More News

कंसेट कॉलेजियम की भी सहमति

कॉलेजियम द्वारा जारी किए गए स्टेटमेंट के अनुसार 26 सितंबर 2022 को बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने हाईकोर्ट कॉलेजियम की बैठक करते हुए ये सिफारिशे सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम को भेजी थी.

Advertisement

बॉम्बे हाईकोर्ट की सिफारिश को महाराष्ट्र और गोवा राज्यों के मुख्यमंत्रियों और राज्यपालों ने अपनी सहमति व्यक्त दी है.

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने इन अधिवक्ताओं की सिफारिश किए जाने से पूर्व कंसेट कॉलेजियम के सदस्यों से भी राय ली है, कंसेट कॉलेजियम में सुप्रीम कोर्ट के जज शामिल होते है जो पूर्व में उस हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश या जज रह चुके है.

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने केन्द्र सरकार को सिफारिश करते हुए कहा है कि इन उम्मीदवारों की योग्यता का आकलन करने के उद्देश्य से रिकॉर्ड में रखी गई सामग्री की जांच और मूल्यांकन किया गया, जिसके बाद कॉलेजियम ने इनके नाम की सिफारिश का निर्णय ​लिया है.

अधिवक्ता और आईबी रिपोर्ट

एडवोकेट Shailesh Pramod Brahme को दीवानी, आपराधिक, संवैधानिक और सेवा कानून मामलों में लगभग 30 वर्षों के अनुभव है, केन्द्र और राज्य की आईबी ने उनके खिलाफ कुछ भी रिपोर्ट नेगेटिव नहीं दी है.

पारसी धर्म से संबंध रखने वाले Firdosh Phiroze Pooniwalla के मामले में कॉलेजियम ने आईबी द्वारा की गयी एक आपत्ति को सिरे से नकार दिया है. आईबी की ओर से कहा गया कि उनकी एक अच्छी व्यक्तिगत और पेशेवर छवि है, एक अन्य वकील जिसके तहत वह काम करते थे, ने 2020 में प्रकाशित एक लेख लिखा था जिसमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की कथित कमी पर चिंता व्यक्त की गई थी.

आईबी की रिपोर्ट पर कॉलेजियम ने कहा कि यह जज के लिए उनकी उपयुक्तता को प्रभावित नहीं करता है. पूनीवाला पारसी पारसी धर्म को मानते हैं और अल्पसंख्यक समुदाय से ताल्लुक रखते हैं.

तीसरे अधिवक्ता के रूप में Jitendra Shantilal Jain को करीब 25 साल से अधिक वकालत का अनुभव है, कॉलेजियम ने अधिवक्ता जैन के मामले में भी आईबी की एक आपत्ति को दरकिनार किया है जिसमें कहा गया है कि 20 साल पहले एक अन्य वरिष्ठ वकील के चैंबर में उनके काम के संबंध में कुछ मुद्दे थे.

कॉलेजियम ने इस मामले में एक वरिष्ठ के कक्ष छोड़ने के तथ्य का उनकी क्षमता, योग्यता या अखंडता पर कोई असर नहीं पड़ता है.

जस्टिस रॉबिन फुकन होंगे स्थायी

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने बॉम्बे हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति कीे सिफारिश के साथ ही गुवाहाटी हाईकोर्ट के एडिशनल जज को स्थायी जज के रूप में पदोन्नत करने की भी सिफारिश की है.

सीजेआई डी वाई चन्द्रचूड़ की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने जस्टिस रॉबिन फुकन जो कि वर्तमान में गुवाहाटी हाईकोर्ट के अतिरिक्त जज के रूप में कार्यरत है, उनको हाईकोर्ट का स्थायी जज नियु​क्त करने की सिफारिश की है.

हाल ही में गुवाहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में 23 मार्च, 2023 को हुए हाईकोर्ट कॉलेजियम ने जस्टिस फुकन को स्थायी करने की सिफारिश सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम को भेजी थी.

हाईकोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश को उचित मानते हुए अब सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने भी जस्टिस रॉबिन फुकन को स्थायी जज नियुक्त करने की सिफारिश की है.

जस्टिस फुकन के मामले मे असम, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों और असम, नागालैंड, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश के राज्यपालों ने भी अपनी सहमति दी है.