दिल्ली आबकारी मामले में SC ने स्वीकार की Sisodia की जमानत याचिका, इस दिन करेगा सुनवाई
नई दिल्ली: दिल्ली आबकारी मामले (Delhi Excise Scam) में आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) काफी समय से जेल में हैं और हाल ही में दिल्ली उच्च न्यायालय में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने आज इस मामले की सुनवाई की तारीख तय कर दी गई है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) में जमानत याचिका के खारिज होने के बाद मनीष सिसोदिया ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की और अब इस मामले में सुनवाई 14 जुलाई, 2023 को होगी।
PMLA Case: आप नेता Manish Sisodia ने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया
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CJI के समक्ष मेंशन हुआ मामला
बता दें कि मनीष सिसोदिया की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी (Abhishek Manu Singhvi) ने देश के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) के समक्ष इस मामले की अर्जेंट लिस्टिंग की मांग की।
अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत को बताया कि मनीष सिसोदिया की पत्नी की तबीयत ठीक नहीं है और इसलिए मामले को अगर 14 जुलाई, 2023 को सुना जा सके। इसपर मुख्य न्यायाधीश ने आदेश दिया कि सुनवाई 14 जुलाई को होगी।
Delhi HC से नहीं मिली थी जमानत
बता दें कि दिल्ली आबकारी मामले के चलते मनीष सिसोदिया के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (Central Investigation Bureau) और प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) द्वारा मामले दर्ज हैं।
सिसोदिया ने कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े सीबीआई और ईडी मामलों में जमानत के लिए पिछले सप्ताह उच्चतम न्यायालय का रुख किया था। उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय के दो आदेशों को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय का रुख किया। उच्च न्यायालय ने इन मामलों में उनकी जमानत याचिकाएं खारिज कर दी थीं।
उच्च न्यायालय ने तीन जुलाई को आबकारी नीति से जुड़े कथित घोटाले से संबंधित धन शोधन के मामले में सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
यहां बता दें कि दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसोदिया के पास आबकारी विभाग भी था। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने उन्हें घोटाले’’ में उनकी कथित भूमिका के लिए पहली बार 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था और तब से वह हिरासत में हैं। 28 फरवरी को सिसोदिया ने दिल्ली मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था।
गौरतलब है कि उच्च न्यायालय ने 30 मई को आबकारी नीति मामले में मनीष सिसोदिया को जमानत देने से इनकार करते हुए अपने आदेश में कहा था कि चूंकि कथित घोटाले के वक्त मनीष सिसोदिया उच्च पद पर आसीन’’ थे तो वह यह नहीं कह सकते कि इसमें उनकी कोई भूमिका नहीं थी।