Farmers Protest: सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने की किसानों के खिलाफ कार्रवाई की मांग, CJI DY Chandrachud को लिखा पत्र
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (Supreme Court Bar Association) ने किसानों के प्रदर्शन पर रोक लगाने की मांग की है. बार एसोसिएशन अध्यक्ष आदिश अग्रवाल (Adish Aggarwala) ने सीजेआई (CJI) को चिट्ठी लिखी है. चिट्ठी में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) से किसानों के प्रदर्शन को स्वत: संज्ञान में लेने की मांग की है. बता दें कि पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान दिल्ली चलो नारे (Delhi Chalo Slogan) के साथ राजधानी में आ रहे है. जिससे दिल्ली के लोगों परेशानी बढ़ने की संभावना है. इसे पर ध्यान दिलाते हुए बार एसोसिएशन अध्यक्ष (Bar Association President) ने सीजेआई को चिट्ठी लिखी है.
बार एसोसिशन अध्यक्ष ने चिट्ठी में कहा,
मैं इस पत्र को लिखने पर विवश हूं. केन्द्र ने किसानों की मांगों को सुना है. सरकार ने कई बैठकें भी की है. इसके बावजूद बड़ी संख्या में किसान राजधानी में प्रदर्शन करने आ रहे हैं. उन्होंने 13 फरवरी, 2024 से प्रदर्शन करने की घोषणा की है.
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Supreme Court ले स्वत: संज्ञान
बार एसोसिएशन अध्यक्ष ने अपनी चिट्ठी में बताया है. पहले, साल 2021-22 में भी किसान संगठनों ने प्रदर्शन किया था. प्रदर्शन के दौरान दिल्ली के बार्डर पर आवागमन कई महीनों के लिए बंद रहा. परेशानी उठानी पड़ी. सड़क जाम रहने के कारण मरीजों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी. दोबारा से प्रदर्शन करने के लिए सड़क जाम करना अनुचित है. किसान अपनी मांगो के लिए विधि-व्यवस्था से संबंधित समस्याओं को उत्पन्न करेंगें. जिससे आम नागरिकों की रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित होगी. अत: सुप्रीम कोर्ट इस मामले को स्वत: संज्ञान (Suo Motu Cognizance) में ले उचित मार्गदर्शन दें.
दिल्ली में बढ़ी चौकसी
एक रिपोर्ट के हवाले से खबर मिली है कि दिल्ली के आसपास के क्षेत्रों में 25000 ट्रैक्टरों के साथ खड़े हैं, जो किसी भी वक्त दिल्ली की सीमा क्षेत्र में प्रवेश करने को तैयार बैठें है. दिल्ली पुलिस ने इन किसानों को रोकने के लिए चौकसी बढ़ा दी है. ये चौकसी 12 फरवरी से 12 मार्च तक रहेगी.
क्या है मामला?
किसानों के साथ केन्द्र सरकार के साथ कई बैठकें हुई. जिसका कोई नतीजा नहीं निकला. अपनी मांगों पर अड़े किसान केन्द्र सरकार से नाराजगी जताने के लिए राजधानी दिल्ली आ रहे हैं. ये किसान ज्यादातर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश क्षेत्र के हैं. इस प्रदर्शन के सहारे किसान केन्द्र सरकार से अपनी मांगों को पूरा करने का अनुरोध करेंगे.