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सरकार पराली जलाने की घटनाओं को रोकने में असफल! AQMC ने सुप्रीम कोर्ट को बताया

धान के खेत में जलती पराली (पिक क्रेडिट ANI)

एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कड़े निर्देशों के बावजूद पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं पर रोक नहीं लगी है.

Written By Satyam Kumar | Updated : October 23, 2024 11:54 AM IST

सुप्रीम कोर्ट में एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन (AQMC) ने हलफनामा दाखिल किया. वायु प्रबंधन आयोग ने हलफनामे में कहा है कि 15 सितंबर से 17 अक्टूबर के बीच हरियाणा में 601 तो पंजाब में 1289 पराली जलाने की घटना हुई है.आयोग ने सर्वोच्च न्यायालय को बताया कि कड़े निर्देशों के बावजूद पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं पर रोक नहीं लगी है. राज्य सरकारें नाकामयाब रही हैं. कमीशन ने पंजाब और हरियाणा के अधिकारियों को नोटिस जारी करके सवाल पूछा है कि इस लापरवाही के चलते क्यों न उनके खिलाफ कानूनों के तहत कार्रवाई की जाए. दोनों ही राज्यों में प्रशासन पराली घटनाओं को रोकने में नाकामयाब रही है. पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कमीशन को हलफनामा दायर करने का निर्देश देते हुए कहा था कि वो दोनों राज्यों के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करे.

आज सुप्रीम कोर्ट में पराली जलाने के मामले में सुनवाई होनी है. सुनवाई से पहले एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन ने हलफनामा के माध्यम से अपना जवाब रखा है. इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों को 23 अक्टूबर को उसके समक्ष पेश होकर स्पष्टीकरण देने को कहा था, सुनवाई के दौरान राज्य का जवाब सुनना भी बेहद जरूरी होगा.

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पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि राज्य में पिछले तीन साल में पराली जलाने को लेकर एक भी मुकदमा नहीं चलाया गया है. अदालत ने कहा कि पंजाब सरकार ने किसानों को ट्रैक्टर उपलब्ध कराने के लिए केंद्र से धनराशि मांगने का कोई प्रयास नहीं किया है. शीर्ष अदालत ने सीएक्यूएम की तुलना बिना दांत वाले बाघ से की. इससे पहले, न्यायालय ने पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने के कारण दिल्ली में होने वाले वायु प्रदूषण को रोकने में विफल रहने पर सीएक्यूएम को फटकार लगाई थी और कहा था कि उसे अधिक सक्रिय रवैया अपनाने की आवश्यकता है.

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