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Delhi High Court में वकालत करेगा दक्षिण कोरियाई नागरिक! अदालत ने रद्द किया BCI का फैसला

Delhi High Court Allows South Korean Citizen to Practice Law in India

बार काउंसिल ऑफ इंडिया के फैसले को रद्द करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने साउथ कोरिया के एक नागरिक की याचिका को अनुमति देते हुए उन्हें भारत में बतौर वकील प्रैक्टिस करने की इजाजत दी है

Written By My Lord Team | Published : May 31, 2023 11:29 AM IST

नई दिल्ली: बार काउंसिल ऑफ इंडिया (Bar Council of India) के पास एक दक्षिण कोरियाई नागरिक की याचिका आई थी जो भारत में बतौर वकील प्रैक्टिस करना चाहता था। इस याचिका को बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने रिजेक्ट कर दिया था। अब दिल्ली हाईकोर्ट ने बीसीआई के फैसले को रद्द करते हुए इस दक्षिण कोरियाई नागरिक को दिल्ली बार काउंसिल (Bar Council of Delhi) में रजिस्टर करने की अनुमति प्रदान की है।

क्या थी दक्षिण कोरियाई नागरिक की याचिका

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि याचिकाकर्ता Daeyoung Jung ग्यारह साल की उम्र में अपने माता-पिता के साथ कोरिया से इंडिया शिफ्ट हो गए और वो तब तक यहीं रहे जब तक उन्होंने 2016 में NALSAR विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई नहीं कर ली।

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याचिकाकर्ता का यह कहना है कि वो भारत में बतौर वकील प्रैक्टिस करना चाहते हैं और इसके लिए उन्हें बार काउंसिल से एनरोलमेंट सर्टिफिकेट की जरूरत है। इस सर्टिफिकेट के बिना Daeyoung Jung कहीं भी कानूनी तौर पर प्रैक्टिस नहीं कर सकेंगे।

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Daeyoung Jung का यह कहना है कि उन्हें सिर्फ इसलिए नई दिल्ली बार काउंसिल में रेजिस्ट्रेशन कराने का मौका नहीं दिया जा रहा है क्योंकि वो जन्म से विदेशी हैं।

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बार काउंसिल ऑफ इंडिया के 23.7.2020 की डेट वाले ऑर्डर को दिल्ली हाईकोर्ट ने रद्द किया है और दक्षिण कोरियाई नागरिक Daeyoung Jung की रिट याचिका को अनुमति दी है।

न्यायधीश यशवंत वर्मा ने कही ये बात

दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायधीश यशवंत वर्मा (Justice Yashwant Varma) ने यह कहा है कि जब एक दूसरे देश में भारतीयों को बिना किसी पक्षपात के, उनकी डिग्री के आधार पर वकालत करने की अनुमति दी जा रही है, तो भारत भी उस देश के नागरिकों पर इस तरह की कोई पाबंदी नहीं लगा सकता है.

Daeyoung Jung को 'अधिवक्ता अधिनियम, 1961' (The Advocates Act, 1961) की धारा 24(1)(a) के तहत भारत में वकालत करने के लिए एनरोलमेंट करने की अनुमति है।

न्यायधीश वर्मा ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया से कहा है कि वो दिल्ली बार काउंसिल में रेजिस्ट्रेशन के लिए याचिकाकर्ता के एप्लिकेशन को प्रोसेस करें।