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कुछ याचिकाए सिर्फ पब्लिसिटी के लिए, Supreme Court ने महिलाओं के नाम से पहले 'मिस या कुमारी' के इस्तेमाल से जुड़ी याचिका को किया खारिज

जस्टिस S. K. कौल और जस्टिस अमानुल्लाह की पीठ ने जनहित याचिका पर ऐतराज जताते हुए कहा कि यह सब पब्लिसिटी है.सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह किसी व्यक्ति पर निर्भर करता है कि वह उपसर्ग का इस्तेमाल करे या नहीं करें.

Written By Nizam Kantaliya | Published : May 16, 2023 12:03 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने जनहित याचिकाओं को लेकर एक बार फिर से सख्त मौखिक टिप्पणी की है. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक ऐसी जनहित याचिका आई जिसके जरिए यह मांग की गयी कि किसी भी महिला को अपने नाम के आगे 'मिस', 'कुमारी', 'मिसेज' जैसे उपसर्ग लगाने के लिए नहीं कहा जाना चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट ने इस जनहित याचिका पर सुनवाई से इंकार करते हुए कहा कि इस तरह की याचिकाए केवल पब्लिसिटी के लिए होती है.

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सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस S K कौल और जस्टिस अमानुल्लाह की पीठ के समक्ष दायर इस याचिका पर पीठ ने कहा कि 'यह क्या याचिका है? आप क्या राहत मांग रहे हैं?

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पीठ ने ऐतराज जताते हुए कहा कि यह सब प्रचार (पब्लिसिटी) है और कहा कि यह किसी व्यक्ति पर निर्भर करता है कि वह उपसर्ग का इस्तेमाल करे या नहीं करें.

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पीठ ने कहा कि इस संबंध में कोई सामान्य आदेश नहीं दिया जा सकता क्योंकि यह किसी व्यक्ति की पसंद पर निर्भर करता है कि वह किसी उपसर्ग का इस्तेमाल करे या नहीं।

याचिकाकर्ता ने याचिका के पक्ष में अतिरिक्त दस्तावेज पेश करने का अनुरोध करते हुए कहा कि वह इस मामले में कुछ अतिरिक्त दस्तावेज दाखिल करना चाहते हैं.

पीठ ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि आप कहते हैं कि किसी भी महिला को नाम के आगे 'मिस', 'कुमारी', 'मिसेज' लिखने के लिए नहीं कहा जाना चाहिए. अगर मान लीजिए कि कोई इसका इस्तेमाल करना चाहता है, तो आप उस व्यक्ति को इसका इस्तेमाल करने से कैसे रोक सकते हैं.

पीठ ने इसके बाद याचिका को खारिज करते हुए कहा कि इस संबंध में कोई सामान्य आदेश जारी नही किया जा सकता.